भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) को 10 अप्रैल 2023 को मिनीरत्न श्रेणी-1 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) का दर्जा दिया गया है।
इस संबंध में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक पत्र जारी किया गया है।
वर्ष 2011 में स्थापित एसईसीआई भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में अक्षय ऊर्जा योजनाओं / परियोजनाओं के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की प्राथमिक कार्यान्वयन एजेंसी है।
इसे मूल रूप से 1956 के कंपनी अधिनियम के तहत धारा -25 (गैर-लाभकारी) कंपनी के रूप में शामिल किया गया था।
अब तक, एसईसीआई ने 56 गीगावॉट से अधिक की अक्षय ऊर्जा (आरई) परियोजना क्षमता प्रदान की है। एसईसीआई अपने स्वयं के निवेश के साथ-साथ परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) के रूप में अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिए परियोजनाओं की स्थापना में भी सक्रिय है।
एसईसीआई ने आईसीआरए (ICRA) द्वारा एएए की उच्चतम क्रेडिट रेटिंग दी है।
सरकारी मानदंडों के अनुसार, मिनीरत्न श्रेणी -1 का दर्जा उन सीपीएसई को दिया जाता है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ कमाया है, तीन वर्षों में से कम से कम एक में कर-पूर्व लाभ 30 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, और जिनका शुद्ध मूल्य सकारात्मक है।