पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में हाल ही में छिपकली की नई प्रजाति की खोज की गई है।
वैज्ञानिकों ने इसे 'गेको मिजोरमेंसिस' नाम दिया है।
इस गेको छिपकली को मिजोरम विश्वविद्यालय और मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया है।
यह छिपकली अन्य फ्लाइंग गेकोस की तरह की ही नई प्रजाति है जो करीब 20 सेंटीमीटर लम्बी होती है।
यह रात्रिचर होती है और एक पेड़ से दूसरे पेड़ों पर ग्लाइडिंग करती है।
यह गेको की उन 14 प्रजातियों में से एक है, जो हवा में इस तरह ग्लाइड कर सकती है।
गेको, अंटार्कटिका को छोड़कर करीब-करीब सभी महाद्वीपों में पाई जाती है। इन रंगीन छिपकलियों ने वर्षावनों से लेकर रेगिस्तानों और ठंडे पहाड़ी ढलानों तक में रहने के लिए अपने आप को अनुकूल कर लिया है।
विश्व की 335 छिपकली प्रजातियों में 42 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं।