प्रधानमंत्री श्री नरेन् द्र मोदी 20 अप्रैल को नई दिल्ली में पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
संस्कृति मंत्रालय अपने अनुदान कर्ता निकाय इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन (आईबीसी) के सहयोग से 20-21 अप्रैल को अशोक होटल में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन (जीबीएस) की मेजबानी करेगा।
वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का विषय ‘समकालीन चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया: प्रैक्सिस के लिए दर्शन’ है।
लगभग 30 देशों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में भाग लेंगे और विदेशों से लगभग 171 प्रतिनिधि और भारतीय बौद्ध संगठनों के 150 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
पहली बार विभिन्न देशों के प्रमुख बौद्ध भिक्षु भारत आएंगे और शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
शिखर सम्मेलन का मुख्य दृष्टिकोण शाक्यमुनि बुद्ध की शिक्षाओं को देखना है जो बुद्ध धम्म के अभ्यास के साथ सदियों से लगातार समृद्ध हुए हैं।
बौद्ध धर्म दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के महत्वपूर्ण धर्मों में से एक है।
बौद्ध धर्म की शुरुआत भारत में लगभग 2600 साल पहले हुई थी।
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व के आसपास लुंबिनी में हुआ था। वह शाक्य वंश से संबंधित थे।
बुद्ध को भगवान विष्णु के दस अवतारों में आठवां अवतार माना जाता है।
बौद्ध धर्म की मूल शिक्षाएं चार महान सत्यों और अष्टांग पथ की मूल अवधारणा में निहित हैं।
बौद्ध धर्म की शाखाएं महायान (मूर्तिपूजा), हीनयान, थेरवाद, वज्रयान (तांत्रिक बौद्ध धर्म), ज़ेन हैं।