नीति आयोग ने "आहार में बाजरा को बढ़ावा देना: भारतीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वोत्तम अभ्यास" शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी, सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सदस्य (कृषि) डॉ. रमेश चंद और सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति में रिपोर्ट जारी की गई है।
रिपोर्ट को तीन खंडों में विभाजित किया गया है: (ए) राज्य मिशन और बाजरा को बढ़ावा देने की पहल; (बी) आईसीडीएस में बाजरा शामिल करना; और (सी) नवोन्मेषी पद्धतियों के लिए अनुसंधान और विकास तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग।
यह रिपोर्ट मोटे अनाजों को हमारे भोजन में शामिल करने के लिए एक संसाधन के रूप में बढ़ावा देने की एक पहल है।
यह रिपोर्ट मिलेट्स मूल्य-श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं खासतौर से उत्पादन, प्रसंस्करण और खपत में राज्य सरकारों और संगठनों द्वारा अपनाई गई बेहतरीन और नवीन पहलों का एक ब्योरा सामने रखती है।
खेतों और प्लेटों पर बाजरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 2017 में लॉन्च किया गया ओडिशा मिलेट मिशन इस संबंध में ध्वजवाहक रहा है क्योंकि यह सरकारी योजनाओं में बाजरा के उत्पादन, प्रसंस्करण, खपत, विपणन और समावेश पर ध्यान केंद्रित करता है।
अन्य राज्य मिशनों में आंध्र प्रदेश में आदिवासियों द्वारा बाजरा की खेती का व्यापक पुनरुद्धार, छत्तीसगढ़ बाजरा मिशन और हरियाणा की भावांतर भरपाई योजना शामिल हैं।
भारत आमतौर पर ज्ञात सभी नौ पारंपरिक बाजरा का उत्पादन करता है जैसे - सोरघम, पर्ल मिलेट, फिंगर मिलेट, फॉक्सटेल मिलेट, प्रोसो मिलेट, लिटिल मिलेट, बार्नयार्ड मिलेट, ब्राउनटॉप मिलेट और कोडो मिलेट।