छत्तीसगढ़ के 'नागरी दुबराज' चावल की किस्म को भौगोलिक संकेत टैग मिला

छत्तीसगढ़ के 'नागरी दुबराज' चावल की किस्म को भौगोलिक संकेत टैग मिला

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Category : National Published on: April 07 2023

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  • भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री ने ब्रांड को विशिष्ट पहचान देने के लिए छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल 'नागरी दुबराज' को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया है।
  • मुरैना और रीवा आम (दोनों मध्य प्रदेश) को भी जीआई टैग दिया गया है।
  • इससे इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी।
  • दुबराज की उत्पत्ति सिहावा के श्रृंगी ऋषि आश्रम क्षेत्र से मानी जाती है।
  • वाल्मीकि रामायण में इसका उल्लेख मिलता है। विभिन्न शोध पत्रों में सिहावा क्षेत्र को दुबराज का स्रोत माना जाता है।
  • यह चावल स्थानीय किस्म के होते हैं और इसके दाने छोटे होते हैं, चावल पकाने के बाद खाने में बहुत नरम होते हैं।
  • एक एकड़ से अधिकतम छह क्विंटल उपज प्राप्त होती है।
  • धान के पौधे की ऊंचाई कम होती है और परिपक्वता अवधि 140 दिन होती है।
  • यह धमतरी जिले के नगरी की एक महिला स्वयं सहायता समूह "माँ दुर्गा स्वास्थ्य समूह" द्वारा निर्मित है और उसने जीआई टैग के लिए आवेदन किया था।
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