News Analysis / ह्यूमन राइट्स वॉच की वर्ल्ड रिपोर्ट 2023
Published on: January 13, 2023
स्रोत: द टाइम्स ऑफ इंडिया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 (33वाँ संस्करण) में कहा कि भारतीय अधिकारियों ने वर्ष 2022 के दौरान कार्यकर्त्ता समूहों एवं मीडिया पर अपनी कार्यवाही को अधिक "तीव्र और व्यापक" कर दिया।
इसमें यह भी दावा किया गया है कि वर्तमान केंद्रीय सत्तारूढ़ पार्टी ने अल्पसंख्यकों को दबाने हेतु अपमानजनक और भेदभावपूर्ण नीतियों का इस्तेमाल किया।
ह्यूमन राइट्स वॉच क्या है?
वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 के भारत विशिष्ट निष्कर्ष:
सरकार द्वारा मानवाधिकारों का उल्लंघन:
सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों का स्वागत:
HRW ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए त्वरित उदार कदमों की सराहना की, जैसे औपनिवेशिक युग के राजद्रोह कानून के सभी उपयोग को रोकने का निर्णय।
इसने वैवाहिक स्थिति की परवाह किये बिना सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार देने तथा समान-लिंग वाले युगल, एकल माता-पिता और अन्य परिवारों को शामिल करने हेतु परिवार की परिभाषा को व्यापक बनाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का भी उल्लेख किया।
हालाँकि शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्राओं के हिज़ाब पहनने के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय किसी निर्णय पर नहीं पहुँचा।
मानवाधिकारों के लिये भारत की पहलें:
संविधान में प्रावधान:
मौलिक अधिकार: अनुच्छेद 14 से 32
राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत: संविधान के अनुच्छेद 36 से अनुच्छेद 51 तक। इसमें सामाजिक सुरक्षा का अधिकार, काम का अधिकार, रोज़गार चयन का अधिकार, बेरोज़गारी के विरुद्ध सुरक्षा, समान काम तथा समान वेतन का अधिकार, मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार एवं मुफ्त कानूनी सलाह का अधिकार आदि शामिल हैं।
सांविधिक प्रावधान:
मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 (वर्ष 2019 में संशोधित): NHRC की स्थापना इसी अधिनियम के तहत की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भूमिका:
भारत ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के प्रारूपण में सक्रिय रूप से भाग लिया।
भारत ने आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICESCR) तथा नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICCPR) का भी अनुसमर्थन किया है।
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