Category : Science and TechPublished on: March 13 2023
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अमेरिकी वायु सेना सी-17 विमान द्वारा लाये गए नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को सौंप दिया गया है, जो अंतरिक्ष सहयोग में अमेरिका-भारत संबंधों में सुधार करेगा।
नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार या NISAR भारत-अमेरिका सहयोग का एक हिस्सा है।
निसार एक उपग्रह है जिसे नासा और इसरो द्वारा परस्पर विकसित किया गया है।
NISAR की कल्पना NASA और ISRO ने आठ साल पहले 2014 में की थी।
इसे जनवरी 2024 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निकट-ध्रुवीय कक्षा में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। उपग्रह कम से कम तीन साल तक काम करेगा। यह एक निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) वेधशाला है। निसार 12 दिन में पूरी दुनिया की चक्कर लगाने में सक्षम है।
NISAR अंतरिक्ष में अपनी तरह का पहला राडार होगा जो व्यवस्थित रूप से पृथ्वी का मानचित्रण करेगा तथा दो अलग-अलग राडार आवृत्तियों (एल-बैंड और एस-बैंड) का उपयोग करके हमारे ग्रह की सतह में एक सेंटीमीटर से भी कम परिवर्तन को मापने में मदद करेगा।