Category : Science and TechPublished on: April 11 2023
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प्रधान मंत्री (पीएम) नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों पर शोध के लिए LIGO-India (लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी इन इंडिया) मेगा विज्ञान प्रस्ताव को मंजूरी दी।
LIGO-India परियोजना संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में LIGO प्रयोगशाला के सहयोग से हिंगोली, महाराष्ट्र (भारत) में एक अत्याधुनिक गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशाला स्थापित करेगी।
LIGO परियोजना को परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा संचालित किया जाता है।
2600 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के 2030 तक बनने का अनुमान है।
परियोजना के लिए करीब 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
LIGO (एलआईजीओ) एक विशाल एल-आकार का उपकरण है। 'L' की प्रत्येक भुजा 4 किलोमीटर (किमी) लंबी है।
एलआईजीओ प्रयोगशाला कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैल्टेक) और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) का एक संघ है।
LIGO-India विश्वव्यापी नेटवर्क के हिस्से के रूप में स्थापित तीसरी उन्नत गुरुत्वाकर्षण-तरंग वेधशाला होगी।
इस तरह के LIGO वेधशालाएं पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका में लुइसियाना और वाशिंगटन में स्थापित की गई हैं।