तेलंगाना का मेदाराम जतारा: आदिवासी संस्कृति और आध्यात्मिकता का उत्सव

तेलंगाना का मेदाराम जतारा: आदिवासी संस्कृति और आध्यात्मिकता का उत्सव

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Category : Miscellaneous Published on: February 23 2024

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  • सम्मक्का सरलाम्मा जतारा या मेदराम जतारा तेलंगाना राज्य में मनाए जाने वाले देवी-देवताओं के सम्मान का एक आदिवासी त्योहार है
  • इस वर्ष 21 से 24 फरवरी तक आयोजित होने वाला यह त्योहार पूज्य देवी सम्मक्का और सरलम्मा को श्रद्धांजलि देता है, और माघ  (फरवरी) के महीने में  पूर्णिमा के दिन द्विवार्षिक रूप से मनाया जाता है।
  • जतारा त्योहार का आयोजन हर साल फरवरी महीने की पूर्णिमा के दिन होता है, जो पूज्य देवी सम्मक्का और सरलम्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
  • यह उत्सव आदिवासी समुदायों के बीच समझ और सद्भाव को बढ़ावा देता है और उनकी अनूठी परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण करता है।
  • त्योहार में भाग लेने वाले पर्यटक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से आते हैं।
  • स्थानीय सरकार ने उत्सव के संचालन के लिए कुल ₹110 करोड़ की व्यवस्था की है और यात्रियों के लिए परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जैसे कि आरटीसी बसें और विशेष ट्रेनें।
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