Category : NationalPublished on: September 27 2022
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भारत के नवीनतम जनसंख्या नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण ने बाल मृत्यु दर और जन्म के समय औसत लिंग अनुपात में सुधार दिखाया है।
भारत की औसत नवजात मृत्यु दर (जन्म के 30 दिनों के भीतर मृत्यु) 2020 में घटकर 20 प्रति 1,000 जीवित जन्म हो गई, जो 2019 में 22 और 2014 में 26 थी।
शिशु मृत्यु दर (जन्म के बाद पहले वर्ष के भीतर मृत्यु) 2019 में 30 और 2014 में 39 से गिरकर 2020 में 28 हो गई, जबकि पांच साल से कम उम्र की मृत्यु दर 2019 में 35 से घटकर 2020 में 32 और 2014 में 45 हो गई है।
छह राज्यों ने नवजात मृत्यु दर के लिए 12 का एसडीजी लक्ष्य हासिल कर लिया है - केरल (4), दिल्ली (9), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और पंजाब (12)।
जन्म के समय राष्ट्रीय लिंगानुपात - प्रति 1,000 लड़कों पर जन्म लेने वाली लड़कियों की संख्या - 2017-19 में औसत 904 से तीन अंकों की वृद्धि (आंशिक रूप से अतिव्यापी अवधि) 2018-20 में 907 हो गई है।
केरल में सबसे अधिक लिंगानुपात 974 है जबकि उत्तराखंड में सबसे कम 844 है। बंगाल में यह अनुपात 944 से गिरकर 936 हो गया है।