उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
इससे पहले अप्रैल 2018 में, उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 पारित किया था, जिसके तहत "बल या लालच के माध्यम से किया गया जबरन या धोखाधड़ी धर्म परिवर्तन" गैर-जमानती अपराध है और इसमें पांच साल तक की कैद हो सकती है।