आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने 28 जून को पीएम-प्रणाम (PM-PRANAM) योजना को मंजूरी दी।
इस योजना का उद्देश्य राज्यों को वैकल्पिक, गैर-रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
कंपनी ने मौजूदा यूरिया सब्सिडी को वित्त वर्ष 2023 से तीन साल तक जारी रखने का भी फैसला किया है, जिसके लिए 3.68 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है।
एम-प्रणाम का पूरा नाम Pradhan Mantri Promotion of Alternative Nutrients for Agriculture Management है।
रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम करना, जो 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले साल के 1.62 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से 39 प्रतिशत अधिक है।