जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए मंत्रालय लाएगा एआई-आधारित अनुवादक “आदि वाणी”:-

जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए मंत्रालय लाएगा एआई-आधारित अनुवादक “आदि वाणी”:-

Daily Current Affairs   /   जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए मंत्रालय लाएगा एआई-आधारित अनुवादक “आदि वाणी”:-

Change Language English Hindi

Category : National Published on: September 02 2025

Share on facebook

जनजातीय मामलों का मंत्रालय देश का पहला ए.आई.-आधारित अनुवादक “आदि वाणी” लॉन्च करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करना और समुदायों को सशक्त बनाना है। इसे आई.आई.टी. दिल्ली, बिट्स पिलानी, आईआईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी नवा रायपुर और कई जनजातीय अनुसंधान संस्थानों की मदद से विकसित किया गया है। पहले चरण में, आदि वाणी में संताली, भीली, मुंदारी और गोंडी भाषाओं का समर्थन होगा, जबकि आगे चलकर इसमें कुई और गारो जैसी भाषाएँ भी शामिल की जाएँगी। यह उपकरण नो लैंग्वेज लेफ्ट बिहाइंड (NLLB) और इंडिकट्रांस2 जैसे उन्नत ए.आई. मॉडल का उपयोग कर हिंदी/अंग्रेज़ी और जनजातीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम अनुवाद उपलब्ध कराएगा।

Recent Post's