विधेयक जल निकायों में प्रदूषणकारी पदार्थों के निर्वहन से संबंधित प्रावधानों के उल्लंघन के लिए दस हजार रुपये से 15 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाता है। कानून के तहत जारी किए जाने वाले दिशानिर्देश किसी भी तरह से राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के अधिकारों का अतिक्रमण नहीं करेंगे।