अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (MoMA) ने अल्पसंख्यक समुदायों (पढ़ो परदेश) से संबंधित छात्रों के लिए विदेश में अध्ययन के लिए शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी की योजना "पढ़ो परदेश योजना" को बंद कर दिया है।
भारतीय बैंक संघ द्वारा पिछले महीने सभी बैंकों को 2022-23 से 'पढ़ो परदेश ब्याज सब्सिडी योजना' को बंद करने के बारे में सूचित किया गया था।
अब तक यह योजना नामित नोडल बैंक केनरा बैंक के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही थी।
योजना के तहत, अधिस्थगन की अवधि के लिए आईबीए की शिक्षा ऋण योजना के तहत निर्धारित शिक्षा ऋण प्राप्त करने वाले छात्रों द्वारा देय ब्याज (अर्थात पाठ्यक्रम की अवधि, प्लस एक वर्ष या नौकरी मिलने के छह महीने बाद, जो भी पहले हो) भारत सरकार द्वारा वहन कियाजाता था।
MoMA की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020-21 के दौरान, केनरा बैंक को योजना के तहत नए प्लस नवीनीकरण उम्मीदवारों की ब्याज सब्सिडी की प्रतिपूर्ति के लिए ₹20.20 करोड़ की राशि जारी की गई थी।