Category : MiscellaneousPublished on: March 01 2024
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भारत और दक्षिण अफ्रीका ने WTO में चीन द्वारा नेतृत्त IFD प्रस्ताव का विरोध किया।
भारत ने IFD के खिलाफ अपने विरोध को पहले भी जताया है, जोकि विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों के बीच सहमति के बिना नहीं हो सकता।
IFD प्रस्ताव को भारत ने 2017 में पहली बार विरोध किया था और अब भी इसका समर्थन नहीं किया गया है।
IFD का मुख्य उद्देश्य निवेश प्रक्रियाओं को सुगम बनाना और सीमाओं को अतिक्रमण करने के लिए है, लेकिन इसे चीनी निवेशों पर अधिक ध्यान देने और संबंधित देशों के साम्राज्यिक धन निधियों का लाभ उठाने का आरोप लगाया गया है।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के विरोध के कारण IFD को मौजूदा रूप में WTO द्वारा स्वीकृत किया जाने की संभावना कम हो गई है, जिससे इसे संशोधन के लिए और विचार-विमर्श के लिए नई संभावनाओं के लिए खोला जा सकता है।