हिमाचल प्रदेश सरकार 2025 के अंत तक हाइड्रो, हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा का उपयोग करके और हरित उत्पादों पर स्विच करके राज्य को पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
राज्य सरकार वर्तमान प्रणाली को पुनर्जीवित करना चाहती है और राज्य के सर्वोत्तम हित में हरित ऊर्जा के दोहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
राज्य सरकार सौर संयंत्रों में भी निवेश करेगी और वर्ष 2023-24 के दौरान 500 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगी, इसमें से 200 मेगावाट एचपीपीसीएल द्वारा स्थापित की जाएगी, जिसके लिए 70 मेगावाट क्षमता के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और शेष स्थल जल्द ही फाइनल कर लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार को 2355 करोड़ रुपये का इक्विटी योगदान के खिलाफ 1055 करोड़ और नाथपा झाकड़ी एवं रामपुर जलविद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत निःशुल्क बिजली से लगभग अब तक 7000 करोड़ लाभांश प्राप्त हुआ है।