डीआरडीओ द्वारा बेंगलुरु में 'एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों' पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
डीआरडीओ द्वारा बेंगलुरु में 'एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों' पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
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डीआरडीओ द्वारा बेंगलुरु में 'एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों' पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
'एक्सोस्केलेटन के लिए उभरती प्रौद्योगिकियां और चुनौतियां' पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला 16-17 अप्रैल, 2024 को बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की रक्षा जैव-इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोमेडिकल प्रयोगशाला द्वारा आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ की उपस्थिति में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CISC) लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू की उपस्थिति में किया।
महानिदेशक डॉ यूके सिंह ने सशस्त्र बलों की जरूरतों पर जोर दिया, आसन्न चुनौतियों को दूर करने के लिए सहयोगी प्रयासों का आग्रह किया।
डीआरडीओ, सेवा, उद्योग, शिक्षा जगत और शोधकर्ताओं के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने कार्यशाला के विविध संवाद में योगदान दिया।
एक्सोस्केलेटन तकनीक पुनर्वास, व्यावसायिक चिकित्सा और वृद्धि के लिए वादा करती है।
कार्यशाला भविष्य के एक्सोस्केलेटन प्रगति के लिए एक रोडमैप तैयार करना चाहती है, अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देती है।
एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी की दोहरी उपयोग प्रकृति सैन्य अनुप्रयोगों से परे इसकी व्यावसायिक क्षमता को उजागर करती है।