द हिंदू: 27 जनवरी 2025 को प्रकाशित:
समाचार में क्यों?
क्रिप्टो निकासी पर रोक: हाल ही में Mudrex और CoinDCX जैसे क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा क्रिप्टो निकासी पर अस्थायी रोक लगाने के कारण निवेशकों में भ्रम और चिंता फैली।
विनियमों की कमी: भारत में स्पष्ट नियमों और जोखिमों की परिभाषा की कमी के कारण क्रिप्टो निकासी पर ऐसी पाबंदियां लगाई जा रही हैं।
भारतीय क्रिप्टो निवेशकों की समस्याएं
स्पष्ट नीतियों का अभाव: निवेशकों को बिना किसी पूर्व सूचना के निकासी नीतियों में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ता है।
विनियामक अनुपालन: एक्सचेंज AML (Anti-Money Laundering) और CFT (Combating Financing of Terrorism) कानूनों का पालन करने के लिए इन प्रतिबंधों को सही ठहराते हैं।
लिक्विडिटी की कमी का डर: निवेशकों को संदेह होता है कि एक्सचेंज वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, जिससे भरोसा कम हो रहा है।
सीमित विकल्प: क्रिप्टो निकासी पर रोक के कारण निवेशकों को मजबूरी में अपना क्रिप्टो बेचकर उसे INR में बदलना पड़ता है, जो उनके निवेश योजनाओं को बाधित करता है।
एक्सचेंज निकासी क्यों रोक रहे हैं?
अनुपालन संबंधी जोखिम: यदि उपयोगकर्ताओं की निकासी किसी अवैध गतिविधि से जुड़ी पाई गई, तो भारतीय अधिकारी एक्सचेंजों को दंडित कर सकते हैं।
सख्त पूंजी नियंत्रण: CoinDCX जैसे एक्सचेंज बताते हैं कि बुरे तत्वों के कारण पूरी एक्सचेंज की बैंक खाते फ्रीज हो सकते हैं।
परिचालन नीतियां:
CoinSwitch और ZebPay जैसे कुछ एक्सचेंज जोखिम प्रबंधन या बैंकिंग प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए निकासी सीमित करते हैं।
Binance जैसे प्लेटफॉर्म अधिक स्वतंत्रता देते हैं, लेकिन पूरी तरह भारतीय कानूनों का पालन नहीं कर सकते।
व्यापक प्रभाव
निवेशकों का भरोसा: इन प्रतिबंधों के कारण क्रिप्टो व्यापारियों में अनिश्चितता, डर और घबराहट फैलती है, जिससे भारतीय फिनटेक प्लेटफॉर्म्स पर भरोसा कम होता है।
बाज़ार में बदलाव: असंगत नीतियों के कारण भारतीय एक्सचेंज अपने ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय या विकेंद्रीकृत प्लेटफॉर्म्स को खो सकते हैं।
भारत में क्रिप्टो निकासी के लिए संभावित समाधान
विनियामक ढांचा:
क्रिप्टो लेनदेन, निकासी और कराधान के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश लाना आवश्यक है।
AML और CFT अनुपालन के साथ निवेशकों के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाए।
पारदर्शिता और संचार:
एक्सचेंजों को अपनी निकासी नीतियों और किसी भी बदलाव की जानकारी स्पष्ट रूप से देनी चाहिए।
तकनीकी और सुरक्षा उपाय:
उपयोगकर्ता सत्यापन और लेनदेन निगरानी को मजबूत बनाकर जोखिमों का समाधान किया जा सकता है।
भविष्य की दृष्टि
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