द हिंदू प्रकाशित: 30 दिसंबर 2025
चर्चा में क्यों?
भारत और न्यूजीलैंड ने दिसंबर 2025 में एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) संपन्न किया, जो भारत की व्यापार कूटनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। इस समझौते के तहत न्यूजीलैंड भारतीय निर्यात को 100% शून्य-शुल्क बाजार पहुंच देगा और 2030 तक 20 अरब डॉलर के FDI का वादा करेगा। बदले में भारत न्यूजीलैंड से आने वाले लगभग 95% आयात पर शुल्क घटाएगा, जबकि संवेदनशील घरेलू क्षेत्रों को संरक्षण देगा। यह समझौता वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और अमेरिका द्वारा ऊंचे टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत की ट्रेड डाइवर्सिफिकेशन रणनीति के संदर्भ में खास है। यूके और ओमान के बाद यह भारत का तीसरा हालिया FTA है, जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को 1.3 अरब डॉलर से दोगुना करना और मेक इन इंडिया तथा वैश्विक मूल्य श्रृंखला (GVC) एकीकरण को मजबूत करना है।
प्रमुख सौदे: शून्य शुल्क पहुंच और FDI प्रतिबद्धताएं
1. भारत के लिए लाभ
न्यूजीलैंड ने भारत के 100% निर्यात पर कस्टम ड्यूटी समाप्त करने पर सहमति दी है, जिससे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा, जैसे–
इससे भारतीय निर्यात की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
2. न्यूजीलैंड की निवेश प्रतिबद्धता
न्यूजीलैंड ने 2030 तक 20 अरब डॉलर के FDI का वादा किया है, जो 15 वर्षों में चरणबद्ध रूप से आएगा और इसमें क्लॉबैक मैकेनिज्म भी शामिल है। निवेश 118 क्षेत्रों में होने की संभावना है, विशेषकर सेवाओं, कौशल विकास और उच्च-मूल्य विनिर्माण में। इससे रोजगार सृजन और तकनीक हस्तांतरण को बढ़ावा मिलेगा।
3. सेवाएं और पेशेवर मोबिलिटी
FTA के तहत सेवाओं और लोगों के आवागमन को बढ़ावा दिया गया है–
4. युवा और शिक्षा अवसर
न्यूजीलैंड में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को–
इससे दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे।
संरक्षित क्षेत्र: भारतीय किसानों की सुरक्षा
भारत ने अपने संवेदनशील कृषि क्षेत्रों की रक्षा के लिए सतर्क रुख अपनाया। न्यूजीलैंड के डेयरी उत्पादों (दूध, चीज, मक्खन) को बाजार पहुंच नहीं दी गई। इसके अलावा चीनी, खाद्य तेल, मसाले और रबर जैसे उत्पाद भी टैरिफ रियायतों से बाहर रखे गए। हालांकि, गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति बनी है–
यह संतुलित दृष्टिकोण किसानों की सुरक्षा के साथ ज्ञान साझेदारी को बढ़ावा देता है।
भारत तेजी से FTA क्यों कर रहा है?
न्यूजीलैंड में आलोचना और चिंताएं
भारत में भी पहले के FTAs की तरह व्यापार घाटा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, हालांकि सेफगार्ड क्लॉज और चरणबद्ध टैरिफ कटौती से MSMEs की सुरक्षा की गई है।
आगे की राह
निष्कर्ष
भारत–न्यूजीलैंड FTA खुलेपन और संरक्षण के बीच संतुलन का उदाहरण है। शून्य शुल्क बाजार पहुंच, मजबूत निवेश प्रतिबद्धताओं और संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के साथ यह समझौता भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिति को मजबूत कर सकता है। प्रभावी क्रियान्वयन होने पर यह भारत के भविष्य के व्यापार समझौतों के लिए एक मॉडल बन सकता है।