भारतीय फ़ुटबॉल के लिए आगे क्या है?

भारतीय फ़ुटबॉल के लिए आगे क्या है?

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द हिंदू: 11 सितंबर 2025 को प्रकाशित।

 

क्यों खबर में?

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितम्बर 2025 को देश की शीर्ष फुटबॉल लीग इंडियन सुपर लीग (ISL) शुरू करने की मंज़ूरी दी।

इससे पहले आयोजक संस्था फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) ने 11 जुलाई 2025 को घोषणा की थी कि 2025-26 सीज़न को “रोक दिया जाएगा” क्योंकि उसका अनुबंध (MRA) दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है और भविष्य को लेकर अनिश्चितता थी।

 

पृष्ठभूमि:

2010 में AIFF (ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन) ने Reliance–Star Sports के संयुक्त उद्यम FSDL के साथ 15 साल का मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) साइन किया।

इसके तहत FSDL हर साल ₹50 करोड़ देकर भारतीय फुटबॉल (राष्ट्रीय टीम और ISL समेत) का प्रसारण, व्यावसायिक प्रबंधन और आयोजन करता है।

यह अनुबंध 8 दिसम्बर 2025 को समाप्त हो रहा है।

बीच सीज़न अनुबंध खत्म होने से समस्या खड़ी हो गई और FSDL ने संचालन रोक दिया।

 

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका:

  • मामला पहले से ही AIFF के संविधान और चुनाव से जुड़ा था।
  • 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट ने AIFF चुनावों को राष्ट्रीय खेल संहिता के खिलाफ माना था।
  • SC ने उस आदेश को स्थगित किया और नए संविधान का मसौदा तैयार करने को कहा।
  • इस बीच, SC ने कहा कि जब तक उसका फैसला नहीं आता, AIFF और FSDL कोई बड़ा समझौता न करें।
  • 22 अगस्त 2025 को SC ने दोनों पक्षों से “व्यवहारिक व्यवस्था” बनाने को कहा।

1 सितम्बर 2025 को SC ने संयुक्त रोडमैप मंज़ूर किया:

  • अक्टूबर 2025 में सुपर कप।
  • दिसम्बर 2025 में ISL (AFC की सहमति पर)।
  • नया वाणिज्यिक पार्टनर चुनने के लिए खुली निविदा (टेंडर) प्रक्रिया।

 

ISL को रोकने की वजह:

अनुबंध (MRA) बीच सीज़न खत्म हो रहा था, जिससे अनिश्चितता बनी।

नई शर्तों पर बातचीत असफल रही।

SC का लंबित फैसला भी बाधा बना।

 

AIFF और FSDL का प्रस्ताव:

खुली निविदा प्रक्रिया – नया वाणिज्यिक पार्टनर चुनने के लिए (FSDL ने अपने “पहली बातचीत का अधिकार” और “मैच करने का अधिकार” छोड़ा)।

 

वित्तीय आश्वासन –

₹12.5 करोड़ (जुलाई–सितम्बर) का बकाया चुका दिया।

₹12.5 करोड़ (अक्टूबर–दिसम्बर) अग्रिम देने की सहमति।

NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) – ताकि नया अनुबंध किया जा सके।

बिड मूल्यांकन समिति – 15 अक्टूबर तक प्रक्रिया पूरी करने के लिए।

 

FIFA और AFC का रुख:

FIFA और AFC ने 30 अक्टूबर 2025 तक AIFF से नया संविधान अपनाने को कहा है।

अगस्त 2022 में SC द्वारा समिति नियुक्त किए जाने पर FIFA ने “थर्ड पार्टी इंटरफेरेंस” बताकर AIFF को निलंबित कर दिया था।

अब चूंकि AIFF के पास निर्वाचित समिति है, इस बार निलंबन की संभावना कम है, लेकिन समयसीमा का पालन ज़रूरी है।

 

कानूनी और प्रशासनिक पहलू:

नया संविधान हाल ही में पारित राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम 2025 (National Sports Governance Act, 2025) के अनुरूप होना चाहिए।

यह अधिनियम राष्ट्रपति की स्वीकृति के बावजूद अभी तक अधिसूचित (notified) नहीं हुआ है।

SC ने कहा कि वह अधिसूचना का इंतज़ार नहीं करेगा, क्योंकि इसमें 6 महीने लग सकते हैं।

जल्द ही SC का विस्तृत फैसला आएगा।

 

भारतीय फुटबॉल का आगे का रास्ता:

लघु अवधि (2025):

अक्टूबर में सुपर कप।

दिसम्बर में ISL (AFC की सहमति पर)।

15 अक्टूबर तक नया वाणिज्यिक पार्टनर तय।

 

मध्यम अवधि (2025-26 सीज़न):

प्रसारण अनुबंध और क्लबों के साथ राजस्व-साझाकरण समझौते।

नया वाणिज्यिक पार्टनर संभव (यदि कोई FSDL से अधिक बोली लगाए)।

 

दीर्घ अवधि:

SC का फैसला AIFF प्रशासन की स्थिरता तय करेगा।

खेल प्रशासन अधिनियम 2025 लागू होने पर संरचना बदल सकती है।

 

समग्र तस्वीर:

भारतीय फुटबॉल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। ISL को कानूनी और अनुबंधिक संकट से राहत तो मिल गई है, लेकिन इसका भविष्य शासन सुधारों, FIFA-अनुपालन और नए व्यावसायिक अनुबंधों पर निर्भर करेगा।

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