द हिंदू: 30 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित।
समाचार में क्यों?
चीन ने भारत के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज की है।
उसका आरोप है कि भारत की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं WTO के सब्सिडी नियमों का उल्लंघन करती हैं, क्योंकि ये योजनाएं घरेलू उत्पादों को आयातित उत्पादों (विशेषकर चीन से आने वाले) की तुलना में प्राथमिकता देती हैं।
पृष्ठभूमि:
भारत ने वर्ष 2020 में PLI योजना की शुरुआत की थी ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके और भारत को वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाया जा सके।
इसके तहत सरकार कंपनियों को उनके अतिरिक्त उत्पादन या बिक्री के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन देती है।
चीन ने जिन तीन PLI योजनाओं को चुनौती दी है, वे हैं —
एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी निर्माण के लिए योजना
ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स (AAT उत्पादों) के लिए योजना
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए योजना
चीन की शिकायत:
चीन का कहना है कि:
इन योजनाओं में कंपनियों को घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) के आधार पर सब्सिडी दी जाती है — जैसे 50% ऑटो क्षेत्र में और 25% बैटरी निर्माण में।
यह कंपनियों को देशी उत्पादों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करता है और विदेशी (विशेषकर चीनी) वस्तुओं के खिलाफ भेदभाव करता है।
इस तरह की सब्सिडी आयात प्रतिस्थापन (Import Substitution) सब्सिडी कहलाती है, जो WTO के Article 3.1(b) के तहत प्रतिबंधित है।
WTO के सब्सिडी नियम:
WTO का Subsidies and Countervailing Measures (SCM) Agreement सब्सिडियों को तीन वर्गों में बाँटता है:
प्रतिबंधित सब्सिडी: निर्यात प्रदर्शन या घरेलू वस्तुओं के उपयोग पर आधारित।
कार्यान्वित करने योग्य सब्सिडी: सीमित रूप से अनुमेय, पर चुनौती दी जा सकती हैं।
गैर-कार्यान्वित सब्सिडी: सामान्यतः वैध।
साथ ही,
GATT का अनुच्छेद III.4 कहता है कि घरेलू और आयातित उत्पादों के साथ समान व्यवहार किया जाए।
TRIMs अनुबंध का अनुच्छेद 2.1 ऐसे निवेश उपायों को निषिद्ध करता है जो घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं।
भारत का पक्ष:
भारत यह दलील दे सकता है कि:
आगे क्या होगा?
पहला चरण: WTO में परामर्श (Consultation), जहाँ भारत और चीन आपसी समाधान की कोशिश करेंगे।
यदि समाधान नहीं हुआ, तो मामला तीन सदस्यीय पैनल को सौंपा जाएगा।
चूंकि WTO की अपील निकाय (Appellate Body) 2019 से निष्क्रिय है, इसलिए किसी भी अपील की स्थिति में विवाद का निपटारा अनिश्चितकाल तक टल सकता है।
व्यापक प्रभाव:
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