द हिंदू: 19 दिसंबर 2024 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों है?
अमेरिकी कांग्रेस की समिति, जिसका नेतृत्व रिपब्लिकन ब्रैड वेनस्ट्रप ने किया, ने 2 दिसंबर 2024 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि कोविड-19 महामारी संभवतः चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) की एक लैब लीक का परिणाम है। यह रिपोर्ट कोविड-19 के स्रोत को लेकर चल रहे विवाद को फिर से हवा देती है।
कोविड और SARS-CoV-2 का स्रोत:
SARS-CoV-2 वायरस कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार है।
यह वायरस पहली बार वुहान, चीन में सामने आया और तेजी से पूरी दुनिया में फैल गया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 के पतझड़ में WIV के कुछ शोधकर्ता बीमार हो गए थे। उनके लक्षण कोविड-19 और सामान्य मौसमी बीमारी से मेल खाते थे।
इस घटना ने यह संदेह पैदा किया कि SARS-CoV-2 वायरस WIV से गलती से लीक हुआ हो सकता है।
लैब-लीक थ्योरी:
लैब-लीक थ्योरी यह कहती है कि SARS-CoV-2 वायरस संभवतः प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने की बजाय किसी लैब से गलती से लीक हुआ।
रिपोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्य:
WIV के शोधकर्ता पहले ही बीमार हो गए थे, इससे संदेह बढ़ा।
आलिना चान (मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट) ने कहा कि वुहान चीन की प्रमुख SARS जैसे वायरसों की शोध प्रयोगशाला है।
विज्ञान लेखक निकोलस वेड ने जनवरी 2024 में कहा कि SARS-CoV-2 में फ्यूरिन क्लिवेज साइट है, जो इसके वायरल परिवार के अन्य 871 सदस्यों में नहीं पाई गई।
फ्यूरिन क्लिवेज साइट:
यह एक विशेष प्रोटीन संरचना है जो SARS-CoV-2 को मानव कोशिकाओं में प्रभावी ढंग से संक्रमित करने में मदद करती है।
आलोचकों का कहना है कि यह साइट प्राकृतिक रूप से विकसित हो सकती है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 2023 में द लांसेट में एक पत्र प्रकाशित कर यह दावा किया कि यह साइट जैविक विकास का परिणाम हो सकती है, न कि किसी जेनेटिक इंजीनियरिंग का।
रिपोर्ट में अन्य बातें:
रिपोर्ट का यह भी दावा है कि यू.एस. नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) ने WIV में गैन-ऑफ-फंक्शन रिसर्च को फंड किया।
गेन-ऑफ-फंक्शन रिसर्च:
इसमें वायरस या जीवों को आनुवंशिक रूप से संशोधित कर उनकी संक्रमण क्षमता या प्रसार को बढ़ाया जाता है।
यह वायरस विकास और वैक्सीन शोध में उपयोगी होता है लेकिन इसमें बायोसेक्योरिटी जोखिम भी होता है।
हालांकि, रिपोर्ट लैब-लीक थ्योरी को साबित करने के लिए प्रत्यक्ष साक्ष्य पेश करने में विफल रही है।
निष्कर्ष:
अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट ने कोविड-19 के स्रोत को लेकर लैब-लीक सिद्धांत को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है, हालांकि यह प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत नहीं करती।
फ्यूरिन क्लिवेज साइट और शोधकर्ताओं के बीमार होने जैसे तथ्यों पर संदेह जताया गया है, लेकिन ये अनुमान मात्र हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मामले की पारदर्शी और साक्ष्य आधारित जांच जरूरी है।
रिपोर्ट यह भी कहती है कि भविष्य में महामारी से निपटने के लिए बेहतर तैयारियों और निष्पक्ष निर्णय प्रक्रिया की आवश्यकता है, ताकि ऐसे वैश्विक संकटों से बचा जा सके।