अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की 2023 रिपोर्ट

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की 2023 रिपोर्ट

Static GK   /   अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की 2023 रिपोर्ट

Change Language English Hindi

स्रोत – द हिन्दू 

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (US Commission on International Religious Freedom- USCIRF) की 2023 रिपोर्ट की सिफारिशों को पक्षपाती और प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है।

भारत की चिंताएँ:

कुछ कानूनों और नीतियों के बारे में चिंता: रिपोर्ट देश में कुछ कानूनों और नीतियों के बारे में चिंता पर प्रकाश डालती है जिनकी धर्म के आधार पर भेदभाव करने की उनकी क्षमता के कारण आलोचना की गई है।

इनमें धर्मांतरण, अंतर-धार्मिक संबंध, हिजाब और गोहत्या से संबंधित कानून, साथ ही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 तथा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) शामिल हैं, इन सभी ने अल्पसंख्यकों को अनुकूल तरीके से प्रभावित नहीं किया है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले उपाय: यह उन तथाकथित उपायों के विषय में चिंता जताता है जो महत्त्वपूर्ण आवाज़ों, विशेष रूप से जो धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित हैं, को प्रभावित कर सकते हैं।

इनमें विधि विरुद्ध गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (UAPA), 1967 के तहत निगरानी, उत्पीड़न, परिसंपत्ति विध्वंस और हिरासत शामिल हैं। कुछ गैर-सरकारी संगठन (NGO) भी विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम (FCRA), 2010 के तहत जाँच के अधीन हैं।

CPC के रूप में भारत: इसने भारत को विशेष चिंता वाले देशों (CPC) के रूप में नामित नहीं करने के लिये अमेरिकी विदेश विभाग की आलोचना की है तथा भारतीय सरकारी एजेंसियों और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।

USCIRF वर्ष 2020 से भारत को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने की सिफारिश कर रहा है, लेकिन इसे अभी तक अमेरिकी सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है।

रिपोर्ट की सिफारिशें:

वर्ष 2022 में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के आधार पर USCIRF वर्ष 2023 के लिये अनुशंसा करता है कि राज्य विभाग:

CPC के रूप में पुनः नामित: बर्मा, चीन, क्यूबा, इरिट्रिया, ईरान, निकारागुआ, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान।

अतिरिक्त सीपीसी के रूप में नामित: अफगानिस्तान, भारत, नाइजीरिया, सीरिया और वियतनाम।

विशेष निगरानी सूची (SWL) पर बनाए रखना: अल्जीरिया और मध्य अफ्रीकी गणराज्य (सीएआर)।

SWL में शामिल करना: अज़रबैजान, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, कज़ाखस्तान, मलेशिया, श्रीलंका, तुर्की और उज़्बेकिस्तान।

विशेष चिंता (EPCs) की संस्थाओं के रूप में नया स्वरूप: अल-शबाब, बोको हराम, हयात तहरीर अल-शाम (HTS), हौथिस, इस्लामिक स्टेट इन द ग्रेटर सहारा (ISGS), इस्लामिक स्टेट इन वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस (ISIS-पश्चिम अफ्रीका के रूप में संदर्भित ISWAP भी) और जमात नस्र अल-इस्लाम वाल मुस्लिमिन (JNIM)।

विभिन्न श्रेणियों में देशों के पदनाम के लिये मानदंड:

CPCs: जब देशों की सरकार IRFA 1998 के तहत धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के "व्यवस्थित, अविरत और गंभीर उल्लंघन" में शामिल होती है या सहन करती है।

SWL: यह धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघनों के प्रति सरकारों के अपराध या सहनशीलता पर आधारित है।

EPC: व्यवस्थित, गतिमान एवं गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन हेतु।

Other Post's
  • बिहार का तारापुर नरसंहार

    Read More
  • इस साल मानसून जल्दी क्यों आया?:

    Read More
  • मौसम की भविष्यवाणी करने वाला गूगल का जेनकास्ट AI कैसे काम करता है?

    Read More
  • बढ़ती महामारी: मधुमेह और भारत:

    Read More
  • मिशन वात्सल्य योजना

    Read More