द हिंदू: 24 जुलाई 2025 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों है?
संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान ने एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता किया है, जिसके तहत जापानी ऑटो आयात और अन्य वस्तुओं पर शुल्क घटा दिए गए हैं, जिससे कड़े शुल्कों से बचाव हुआ है। इस समझौते को भविष्य की वैश्विक व्यापार वार्ताओं के लिए एक मानक के रूप में देखा जा रहा है, जो पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति से उत्पन्न अस्थिर व्यापार वातावरण को स्थिर कर सकता है।
प्रमुख बिंदु:
जापानी ऑटो आयात पर अमेरिका में टैरिफ 27.5% से घटाकर 15% कर दिया गया।
अन्य जापानी वस्तुओं पर शुल्क भी 25% से घटाकर 15% कर दिए गए।
समझौते में जापान द्वारा अमेरिका में निवेश और ऋण प्रतिबद्धताएं शामिल हैं।
वित्तीय बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया: निक्केई 3.5% उछला और यूरोपीय ऑटो स्टॉक्स में भी तेजी आई।
इस समझौते का असर चीन, यूरोपीय संघ, कनाडा और ब्राज़ील पर पड़ेगा, जो अमेरिका के साथ आगामी टैरिफ समय-सीमाओं का सामना कर रहे हैं।
आर्थिक प्रभाव:
15% का टैरिफ स्तर, हालांकि 2024 से पहले के 2.5% मानदंड से अधिक है, लेकिन अर्थशास्त्रियों के अनुसार यह प्रबंधनीय है।
अनिश्चितता में कमी आने से कंपनियों को निवेश योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भविष्य के व्यापार समझौतों के लिए यह एक संभावित ऊपरी सीमा निर्धारित कर सकता है।
अमेरिका में मुद्रास्फीति की अपेक्षाएं कम हो सकती हैं, जिससे फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें कम करने का अवसर मिल सकता है।
अन्य देशों पर प्रभाव:
यूरोपीय संघ: 30% टैरिफ का खतरा; अब 10–15% सीमा की उम्मीद कर सकता है।
चीन: 12 अगस्त तक समझौता करने की समय सीमा है, नहीं तो 145% तक का टैरिफ झेलना पड़ सकता है।
कनाडा और ब्राज़ील: क्रमशः 35% और 50% टैरिफ का खतरा है।
जापान के साथ हुए इस समझौते ने इन देशों पर अमेरिका के साथ समय पर और अनुकूल व्यापार समझौते करने का दबाव बढ़ा दिया है।
बाज़ार की प्रतिक्रिया:
जापानी बाज़ार: निक्केई सूचकांक आशावाद के कारण तेज़ी से उछला।
यूरोपीय वाहन निर्माता कंपनियाँ: पोर्श, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज-बेंज़ और वोक्सवैगन के शेयरों में 4% से 10% की वृद्धि हुई।
वोल्वो कार का स्टॉक: 10% से अधिक उछला।
निवेशकों ने इस सौदे को व्यापार में अस्थिरता में कमी के संकेत के रूप में सराहा।
रणनीतिक महत्व:
यह समझौता अमेरिका के साथ जापान की एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में स्थिति को फिर से पुष्ट करता है।
यह अमेरिकी व्यापार नीति में एक बदलाव को दर्शाता है — अत्यधिक शुल्कों के बजाय वार्तात्मक और मध्यम स्तर के टैरिफ को प्राथमिकता देना।
यह विकसित और विकासशील दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं के साथ भविष्य के अमेरिकी व्यापार सौदों के लिए एक ढाँचा प्रस्तुत करता है।
विशेषज्ञों की राय:
मोहित कुमार (जेफ़्रीज़): 15% का टैरिफ सहने योग्य है; अनिश्चितता से बेहतर है।
डेरेक हैल्पनी (MUFG): प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए टैरिफ अब संभवतः 10–15% की सीमा में तय होंगे।
जिम रीड (डॉयचे बैंक): फिलहाल निवेशकों का टैरिफ वृद्धि का डर कम हुआ है, लेकिन जोखिम अभी भी बाकी हैं।
भविष्य की दिशा:
अल्पकालिक: यदि कोई नया टैरिफ झटका नहीं आता, तो बाज़ार स्थिर रह सकते हैं।
मध्यम अवधि: यूरोपीय संघ और चीन के साथ व्यापार तनाव प्रमुख बने रहेंगे।
दीर्घकालिक: वैश्विक व्यापार मध्यम स्तर के संरक्षणवाद की ओर पुनः संरचित हो सकता है, जिसमें 10–15% टैरिफ नई सामान्य स्थिति बन सकती है।
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