क्या निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर दबाव के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था डगमगाने के खतरे में है?

क्या निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर दबाव के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था डगमगाने के खतरे में है?

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द हिंदू: 4 नवंबर 2025 को प्रकाशित।

 

समाचार में क्यों?

अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि निम्न-आय वाले परिवारों पर बढ़ती स्वास्थ्य लागत, खाद्य लाभों (SNAP) के संभावित नुकसान और सरकारी शटडाउन का असर पड़ रहा है। उपभोक्ता खर्च, जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, अब कमजोरी के संकेत दिखा रहा है। फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है कि उपभोक्ता खर्च अर्थव्यवस्था को टिकाए रख पाएगा या नहीं।

 

पृष्ठभूमि:

उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) अमेरिकी GDP का लगभग 70% हिस्सा है, यानी यह अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा सहारा है।

अमेरिका इस समय एक संघीय सरकारी शटडाउन से गुजर रहा है (जो अब दूसरे महीने में है), जिससे सरकारी सेवाएं, वेतन भुगतान और डेटा प्रकाशन प्रभावित हुए हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं की लागत लगातार बढ़ रही है और Affordable Care Act (Obamacare) की सब्सिडी में कटौती की संभावना से कई परिवारों की परेशानियां बढ़ेंगी।

SNAP (Supplemental Nutrition Assistance Program) के तहत लगभग 4.2 करोड़ निम्न-आय अमेरिकी परिवारों को खाद्य सहायता मिलती है, जो अब बंद होने के खतरे में है।

 

मुख्य समस्याएं:

जीवन-यापन की बढ़ती लागत:

महंगाई और स्वास्थ्य खर्चों में बढ़ोतरी से गरीब परिवारों पर सबसे अधिक बोझ पड़ रहा है।

 

नौकरी बाज़ार में अनिश्चितता:

Amazon और UPS जैसी बड़ी कंपनियों में छंटनी से नौकरी की स्थिति कमजोर हो रही है।

 

संघीय लाभों का नुकसान:

SNAP लाभ और स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी के कटने से लाखों परिवार आर्थिक संकट में आ सकते हैं।

 

नीतिनिर्माताओं के लिए डेटा की कमी:

शटडाउन के कारण सरकारी आर्थिक डेटा जारी नहीं हो पा रहा, जिससे Federal Reserve जैसी संस्थाओं को अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन हो गया है।

 

“K-आकार की अर्थव्यवस्था” का बढ़ता अंतर:

अमीर परिवार शेयर बाजार के मुनाफे से फायदा उठा रहे हैं जबकि गरीब वर्ग कर्ज़, किस्तों और महंगाई से जूझ रहा है।

 

आर्थिक प्रभाव:

शटडाउन से चौथी तिमाही में GDP वृद्धि लगभग 1 प्रतिशत अंक तक घट सकती है (जो पहले 2% के आसपास थी)।

SNAP लाभों की हानि से सालाना उपभोक्ता खर्च में लगभग 100 अरब डॉलर की कमी आ सकती है।

उपभोक्ता विश्वास (Consumer Confidence) में गिरावट और छुट्टियों के मौसम (थैंक्सगिविंग–क्रिसमस) में खर्च में कमी से खुदरा व्यापार पर असर पड़ सकता है।

 

सरकारी और नीति प्रतिक्रियाएं:

फेडरल रिजर्व की भूमिका:

फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की है ताकि आर्थिक सुस्ती को रोका जा सके। चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने चेताया कि "K-आकार" की वृद्धि का मतलब है कि अर्थव्यवस्था का लाभ समान रूप से नहीं पहुंच रहा।

 

न्यायिक हस्तक्षेप:

रोड आइलैंड के एक संघीय न्यायाधीश ने SNAP लाभों को निलंबित करने के निर्णय को अवैध बताया, जिससे कुछ राहत मिली है।

 

राजकोषीय उपाय:

अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने संकेत दिया कि अगले वर्ष कर रिफंड और वेतन से कर कटौती में राहत से उपभोक्ताओं को कुछ अतिरिक्त आय मिल सकती है।

 

वृहद संदर्भ:

लगभग 30 ट्रिलियन डॉलर मूल्य की अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत है, लेकिन नीतिगत झटकों, उपभोक्ता दबाव, और कॉर्पोरेट पुनर्गठन से खतरा बढ़ रहा है।

यह स्थिति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में हो रही है, जब व्यापार, आव्रजन और कर नीति में बड़े बदलाव लागू किए जा रहे हैं।

 

भविष्य की संभावना:

अल्पकालिक:

अगर शटडाउन जारी रहा, तो अगले कुछ महीनों में आर्थिक वृद्धि लगभग 1% तक सीमित रह सकती है।

 

मध्यम अवधि:

आगामी कर रिफंड और कर रियायतें अल्पकालिक राहत दे सकती हैं।

 

दीर्घकालिक:

यदि असमानता और सामाजिक सुरक्षा में कमी जारी रही, तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था में “K-आकार” की खाई और गहरी हो सकती है।

 

विशेषज्ञों की राय:

“अमेरिकी अर्थव्यवस्था एक 30 ट्रिलियन डॉलर की सशक्त इकाई है, लेकिन वर्षांत पर इसे कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।”

— जोसेफ ब्रूसुएलास, मुख्य अर्थशास्त्री, RSM US

 

“उपभोक्ता खर्च ने नकारात्मक पूर्वानुमानों को गलत साबित किया है, लेकिन वर्तमान दो-स्तरीय प्रवृत्ति (K-आकार) स्पष्ट रूप से दिख रही है।”

— जेरोम पॉवेल, अध्यक्ष, फेडरल रिजर्व

 

निष्कर्ष:

  • अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस समय एक संवेदनशील मोड़ पर खड़ी है — जहां धनी वर्ग की समृद्धि और गरीब वर्ग की कठिनाइयों के बीच की खाई लगातार बढ़ रही है।
  • अगर सरकारी शटडाउन और महंगाई को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो उपभोक्ता खर्च में कमी आने से आर्थिक वृद्धि की गति धीमी हो सकती है और सामाजिक असमानता और गहराई से जड़ें जमा सकती है।
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