द हिंदू: 26 अप्रैल 2025 को प्रकाशित:
खबर में क्यों?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले 100 दिनों में जो बाइडन द्वारा शुरू किए गए मानवीय आव्रजन कार्यक्रमों को समाप्त करने की दिशा में आक्रामक कदम उठाए हैं।
हजारों प्रवासियों ने अपनी कानूनी स्थिति खो दी है और उन्हें देश छोड़ने या "स्व-निर्वासन" के लिए मजबूर किया जा रहा है।
यह कदम अमेरिका की आव्रजन नीति में एक तेज बदलाव को दर्शाता है, जिसमें गिरफ्तारियों और निर्वासन की दर में भारी वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु:
पैरोल कार्यक्रमों का अंत:
स्व-निर्वासन पर बल:
प्रवासियों को स्वेच्छा से देश छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, अन्यथा भारी जुर्माना और जेल में बंदी की चेतावनी दी जा रही है।
ग्वांतानामो बे जैसे बदनाम कारावास केंद्रों में प्रवासियों को भेजने की योजना पर काम।
CBP One ऐप का पुनः ब्रांडिंग:
गिरफ्तारियों में जबरदस्त वृद्धि:
ट्रंप के पहले तीन महीनों में 145,000 आव्रजन उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पूरे 2024 वित्तीय वर्ष में यह संख्या 113,000 थी।
प्रतिक्रियाएँ:
डेमोक्रेटिक नेताओं और मानवाधिकार समूहों ने इन कदमों की कड़ी आलोचना की है।
व्हाइट हाउस की सफाई:
जनता की राय:
Reuters/Ipsos पोल के अनुसार, आव्रजन के मुद्दे पर ट्रंप को 45% अनुमोदन रेटिंग मिली है — जो उनके बाकी नीतिगत मुद्दों से बेहतर है।
आव्रजन विशेषज्ञों का मत:
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के कदम केवल अपराधियों के खिलाफ नहीं बल्कि सभी सामान्य प्रवासियों के खिलाफ हैं।
स्व-निर्वासन नीतियों से बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के प्रवासियों को निकाला जा रहा है।
व्यापक संदर्भ:
आव्रजन नीति ट्रंप के राजनीतिक एजेंडे का केंद्र बनी हुई है।
ये नीतियां बाइडन प्रशासन द्वारा लाई गई नरम आव्रजन नीतियों को उलटने का प्रयास हैं।
मानवाधिकार समूह बढ़ती मानवीय संकट की चेतावनी दे रहे हैं।
संभावित परिणाम:
संक्षेप में:
डोनाल्ड ट्रंप की नई आव्रजन नीतियाँ अमेरिका के आव्रजन ढांचे में कठोरता ला रही हैं। जहां राजनीतिक लाभ स्पष्ट है, वहीं मानवीय और कानूनी चुनौतियों के गंभीर खतरे भी उत्पन्न हो गए हैं।