द हिंदू: 7 फरवरी 2025 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों है?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने USAID (यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) को बंद करने का फैसला लिया, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है।
यह कदम ट्रम्प की "अमेरिका फर्स्ट" नीति और घरेलू खर्च को प्राथमिकता देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
एलन मस्क की अमेरिकी नीतियों पर प्रभाव को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
वैश्विक विकास और मानवीय सहायता पर प्रभाव
USAID 120 देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक विकास से जुड़े कार्यक्रमों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
इस फैसले से कई देशों में संकट खड़ा हो सकता है:
कोलंबिया, पेरू, ब्राज़ील: जंगल संरक्षण, मादक पदार्थ विरोधी अभियान और मानवीय सहायता प्रभावित।
अफ्रीका (सब-सहारा क्षेत्र): $6.5 बिलियन की सहायता रोक दी गई, जिससे HIV/AIDS उपचार, मातृ स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण पर असर।
सूडान: 600,000 लोग मलेरिया, खसरा और कॉलरा जैसी बीमारियों के खतरे में।
कोसोवो और म्यांमार: महिला अधिकार, लोकतंत्र और LGBTQ परियोजनाओं पर संकट।
कंबोडिया: यू.एस. सहायता हटने से चीन ने भूमि की सुरंगें हटाने के लिए $4.4 मिलियन की सहायता प्रदान की।
भू-राजनीतिक प्रभाव
चीन की बढ़ती भूमिका:
अमेरिका की मदद बंद होने से चीन ने कई क्षेत्रों में अपनी सहायता बढ़ा दी है।
चीन द्वारा कंबोडिया में खदान हटाने के लिए मदद देना अमेरिका की भूमिका को कमजोर कर सकता है।
दक्षिण पूर्व एशिया में अमेरिकी प्रभाव घट रहा है, जबकि चीन अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
अमेरिकी प्रभाव में गिरावट:
कई देशों में मानवाधिकार और लोकतंत्र संबंधी अमेरिकी कार्यक्रमों पर असर पड़ेगा।
म्यांमार, यूगांडा और सूडान जैसे देशों में अधिनायकवादी (तानाशाही) शासन को बढ़ावा मिल सकता है।
अमेरिकी राजनीति में प्रतिक्रिया
डेमोक्रेट्स का विरोध: कांग्रेस में डेमोक्रेट्स ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की, इसे मानवीय संकट और रणनीतिक गलती बताया।
एलन मस्क का प्रभाव: उनकी विदेश सहायता पर नकारात्मक राय के कारण उनकी भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
भविष्य में संभावित परिणाम
मानवीय संकट: गरीब और संकटग्रस्त क्षेत्रों में हालात और खराब होंगे।
अमेरिकी कूटनीति पर असर: अमेरिका की "सॉफ्ट पावर" कम होगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव घट सकता है।
चीन को लाभ: अमेरिका की गैरमौजूदगी में चीन वैश्विक नेतृत्व को मजबूत कर सकता है।
निष्कर्ष
ट्रम्प का यह निर्णय दीर्घकालिक रूप से वैश्विक प्रभाव डालेगा, जिससे न केवल मानवीय सहायता बाधित होगी बल्कि अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति भी कमजोर होगी। इसके चलते चीन जैसे देश अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं, जबकि संकटग्रस्त समुदायों को भारी नुकसान होगा।