द हिंदू: 8 अगस्त 2025 को प्रकाशित।
खबरों में क्यों है?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में वापसी के बाद अमेरिका के आयात पर अभूतपूर्व शुल्क लगाए हैं, जिससे प्रभावी टैरिफ दर 2.5% से बढ़कर लगभग 20% हो गई है — जो पिछले 100 वर्षों में सबसे अधिक है। हालांकि व्यापार घाटा कम हुआ है, लेकिन मुद्रास्फीति, आर्थिक वृद्धि, कानूनी वैधता और वैश्विक व्यापार स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताएं बनी हुई हैं।
पृष्ठभूमि:
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीन को मुख्य रूप से निशाना बनाते हुए व्यापार युद्ध की शुरुआत की थी।
टैरिफ को आर्थिक और भू-राजनीतिक दोनों उपकरणों के रूप में इस्तेमाल किया गया।
2025 में सत्ता में लौटने के बाद, उन्होंने इस नीति को और तेज किया और कई देशों पर व्यापक रूप से शुल्क बढ़ाए।
प्रमुख मुद्दे:
टैरिफ वृद्धि: टैरिफ दर 17–19% तक बढ़ गई है, जो संभावित रूप से 20% तक जा सकती है।
कानूनी चुनौती: टैरिफ के औचित्य के लिए "अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियाँ अधिनियम (IEEPA)" के उपयोग को अदालत में चुनौती दी गई है।
महंगाई और रोजगार: शुरुआती आंकड़े बढ़ती महंगाई और रोजगार पर संभावित प्रभाव को दिखा रहे हैं।
मनमाने फैसले: भारत, ब्राज़ील और स्विट्ज़रलैंड पर अचानक टैरिफ लगाने से कूटनीति और स्थिरता पर सवाल उठे हैं।
प्रवर्तन की कमी: समझौतों में अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कोई स्पष्ट प्रवर्तन तंत्र नहीं है।
प्रभाव:
आर्थिक प्रभाव:
अल्पकालिक रूप में राजस्व में वृद्धि और व्यापार घाटा कम।
दीर्घकालिक रूप में महंगाई, उपभोक्ता मांग में गिरावट और निवेश में अनिश्चितता।
अमेरिका की व्यापार नीति पर वैश्विक विश्वास कमजोर हो सकता है।
भू-राजनीतिक प्रभाव:
अमेरिका सहयोगियों और विरोधियों पर दबाव डालने के लिए टैरिफ का उपयोग कर रहा है।
रणनीतिक साझेदारों के साथ संबंधों में तनाव की संभावना।
भविष्य में व्यापार विवादों को सुलझाना और कठिन हो सकता है।
कानूनी/संस्थागत प्रभाव:
यदि अदालतें IEEPA के ट्रंप द्वारा उपयोग को अस्वीकार करती हैं, तो टैरिफ अवैध ठहराए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राष्ट्रपति की व्यापार नीति में शक्ति की सीमा को परिभाषित कर सकता है।
विशेषज्ञ राय:
जोश लिप्स्की (अटलांटिक काउंसिल): ट्रंप भू-राजनीतिक रूप से जीत रहे हैं लेकिन आर्थिक नुकसान ज्यादा हो सकता है।
माइकल स्ट्रेन (AEI): ट्रंप अमेरिका को जितना नुकसान पहुँचा रहे हैं, उतना अन्य देश अपने नागरिकों को नहीं पहुँचा रहे — इसे एक रणनीतिक हार कहा।
केली ऐन शॉ (पूर्व व्हाइट हाउस सलाहकार): मज़बूत अर्थव्यवस्था और ऊंचे शेयर बाजार इस रणनीति का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव अनिश्चित हैं।
निष्कर्ष:
ट्रंप की टैरिफ-आधारित व्यापार रणनीति अल्पकालिक रूप से मजबूती और राजस्व लाभ दिखा रही है, लेकिन यह गंभीर कानूनी, आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही है। आने वाले महीनों में न्यायालय के फैसले, वैश्विक प्रतिक्रियाएं और घरेलू आर्थिक प्रभाव इस "जीत" की स्थायित्व को तय करेंगे।