द हिंदू: 24 मई 2025 को प्रकाशित:
ख़बर में क्यों?
34 वर्षीय ट्रैवल व्लॉगर ज्योति रानी को पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों से कथित संबंधों और जासूसी के आरोप में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पृष्ठभूमि:
ज्योति रानी एक यूट्यूबर हैं जिनके लगभग 4 लाख सब्सक्राइबर हैं। उन्होंने पाकिस्तान सहित कई देशों की यात्रा की है। पाकिस्तान के अधिकारियों से उनकी नज़दीकी, दूतावास आयोजनों में भागीदारी और प्रायोजित यात्राएं संदेहास्पद मानी गईं।
मुख्य मुद्दे:
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा कथित रूप से तैयार किया जाना।
अब तक कोई गोपनीय जानकारी के लीक होने का प्रमाण नहीं।
व्हाट्सऐप, स्नैपचैट, टेलीग्राम पर बातचीत के सबूत।
पुलिस को सॉफ्ट प्रोपेगेंडा या स्लीपर सेल से संबंध होने का शक।
विदेशी संपर्क वाले यूट्यूबरों की व्यापक जांच शुरू।
प्रभाव:
डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स की जवाबदेही पर बहस शुरू।
विदेशी एजेंसियों द्वारा कंटेंट क्रिएटर्स के शोषण का खतरा।
डिजिटल मीडिया और विदेशी यात्राओं पर सरकार की निगरानी बढ़ी।
गिरफ्तारी के बाद सब्सक्राइबर बढ़ने से ऑनलाइन प्रसिद्धि पर नैतिक सवाल।
जांच की स्थिति:
सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी दर्ज।
मोबाइल और लैपटॉप की फोरेंसिक जांच जारी।
आर्थिक और संवाद से जुड़े रिकॉर्ड की जांच हो रही है।
एक पाकिस्तानी अधिकारी को “अवांछनीय व्यक्ति” घोषित किया गया।
विशेषज्ञ की राय:
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अनजाने में देशविरोधी नैरेटिव फैला सकते हैं। एनआईए के पूर्व अधिकारी के अनुसार, ये लोग अनजाने में स्लीपर सेल की तरह सॉफ्ट प्रोपेगेंडा में इस्तेमाल हो सकते हैं।
कानूनी और नैतिक पहलू:
कानूनी प्रक्रिया जारी; निजी वकीलों के इंकार के कारण सरकारी वकील नियुक्त।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहस।
संवेदनशील सामग्री के मोनेटाइजेशन और लोकप्रियता में अचानक बढ़ोतरी पर नैतिक चिंता।