द हिंदू: 21 जून 2025 को प्रकाशित:
खबर में क्यों है?
स्पेन ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह GDP का 5% रक्षा खर्च करने के नए NATO लक्ष्य को स्वीकार नहीं कर सकता।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब NATO शिखर सम्मेलन 24–25 जून को नीदरलैंड में होने जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप इस लक्ष्य को लागू करवाने के लिए NATO सहयोगियों पर दबाव बना रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि जो देश इसका पालन नहीं करेंगे, उन्हें अमेरिका का समर्थन नहीं मिलेगा।
स्पेन का यह सार्वजनिक विरोध सम्मेलन की एकता और सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है।
पृष्ठभूमि:
2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद NATO देशों ने सैन्य खर्च को कम से कम 2% GDP तक बढ़ाने पर सहमति जताई थी।
अब NATO की नई योजना 5% लक्ष्य को प्रस्तावित कर रही है — जिसमें 3.5% रक्षा बजट और 1.5% आधारभूत ढांचा और नागरिक तैयारी पर खर्च शामिल है।
स्पेन का कहना है कि यह लक्ष्य अत्यधिक, अस्थिर और यूरोपीय संघ की सुरक्षा रणनीति के विपरीत है।
मुख्य मुद्दे:
आर्थिक सीमाएँ: स्पेन, बेल्जियम, फ्रांस, इटली और कनाडा जैसे देश अतिरिक्त रक्षा खर्च के लिए संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।
परिभाषा को लेकर मतभेद: 1.5% खर्च में किन चीजों को शामिल किया जाएगा — जैसे जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा या बुनियादी ढांचा — इस पर सहमति नहीं है।
आंतरिक राजनीतिक दबाव: स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ राजनीतिक संकट, गठबंधन की निर्भरता और भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहे हैं।
ट्रंप का प्रभाव: ट्रंप की 5% मांग NATO में विभाजन को बढ़ा सकती है और सम्मेलन की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती है।
वैश्विक प्रभाव:
यदि कोई आम सहमति नहीं बनती है, तो NATO की रणनीतिक एकता और वैश्विक विश्वसनीयता कमजोर पड़ सकती है।
ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान तनाव जैसी वैश्विक चुनौतियाँ सामने हैं, NATO का कमजोर होना एक गंभीर संकेत होगा।
आगे की राह: