शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2023

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2023

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स्रोत - द हिन्दू 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) वर्चुअल शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की, नेताओं ने वैश्विक हित में "अधिक प्रतिनिधिक" और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के गठन का आह्वान किया है।

23वें शिखर सम्मेलन के दौरान ईरान ने आधिकारिक तौर पर इसके 9वें सदस्य देश के रूप में SCO की सदस्यता प्राप्त की।

SCO की भारत की अध्यक्षता की थीम- 'सुरक्षित संघाई सहयोग संगठन की ओर (Towards a SECURE SCO)' है। यहाँ SECURE शब्द वर्ष 2018 में आयोजित SCO के किंगदाओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दिये गए संक्षिप्त नाम से लिया गया है।

इसका अर्थ है: S: सुरक्षा, E: आर्थिक विकास, C: कनेक्टिविटी, U: एकता, R: संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिये सम्मान, E: पर्यावरण संरक्षण।

23वें SCO शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

नई दिल्ली घोषणा:

नई दिल्ली घोषणा पर सदस्य राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किये, जिसमें कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को "आतंकवादी, अलगाववादी एवं चरमपंथी समूहों की गतिविधियों का मुकाबला करने तथा धार्मिक असहिष्णुता, आक्रामक राष्ट्रवाद, जातीय एवं नस्लीय भेदभाव, विदेशी द्वेष, फासीवाद और अंधराष्ट्रवाद के विचार के प्रसार को रोकने पर विशेष ध्यान देने" हेतु एक साथ आना चाहिये।

संयुक्त वक्तव्य: 

नेताओं ने दो विषयगत संयुक्त वक्तव्यों को अपनाया- पहला अलगाववाद, उग्रवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला करने हेतु सहयोग तथा दूसरा डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग।

सहयोग के नए स्तंभ: 

भारत ने SCO में सहयोग के लिये पाँच नए स्तंभ और फोकस क्षेत्र बनाए हैं, जिनमें शामिल हैं:  

  1. स्टार्टअप और इनोवेशन
  2. पारंपरिक औषधि
  3. युवा सशक्तीकरण
  4. डिजिटल समावेशन
  5. साझा बौद्ध विरासत

BRI पर भारत की आपत्तियाँ: 

भारत ने SCO सदस्यों के आर्थिक-रणनीति वक्तव्य में "इच्छुक सदस्य देशों" का उल्लेख करते हुए BRI (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) का भाग बनना अस्वीकार कर दिया।

 BRI को लेकर भारत का विरोध पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर (POK) में परियोजनाओं को शामिल करने से उत्पन्न हुआ है, जिसे भारत अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।

भारतीय प्रधानमंत्री का संबोधन: 

भारतीय प्रधानमंत्री ने SCO के सदस्य देशों के बीच आपसी व्यापार और विश्वास बढ़ाने के लिये कनेक्टिविटी के महत्त्व पर प्रकाश डाला।

हालाँकि उन्होंने SCO चार्टर के मौलिक सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया लेकिन साथ ही विशेष रूप से सदस्य देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान की सुरक्षा पर भी ज़ोर दिया।

अन्य परिप्रेक्ष्य: 

  • भारतीय प्रधानमंत्री ने उन देशों की आलोचना की जो सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के साधन के रूप में नियोजित करते हैं और आतंकवादियों को आश्रय प्रदान करते हैं, उन्होंने SCO से ऐसे देशों की निंदा करने में संकोच न करने का आग्रह किया और इन महत्त्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने में निरंतरता के महत्त्व पर बल दिया।
  • चीनी राष्ट्रपति ने BRI की दसवीं वर्षगाँठ मनाते हुए अपनी नई वैश्विक सुरक्षा योजना (GSI) का उल्लेख किया, जिसमें क्षेत्र में एक ठोस सुरक्षा कवच स्थापित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संघर्षों के राजनीतिक समाधान का आह्वान किया गया।
  • उन्होंने SCO सदस्यों से स्वतंत्र रूप से विदेशी नीतियाँ बनाने और नए शीत युद्ध या शिविर-आधारित टकराव को भड़काने के बाहरी प्रयासों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया।
  • वैगनर समूह के विफल विद्रोह के बाद अपनी पहली बहुपक्षीय सभा में भाग लेते हुए रूसी राष्ट्रपति ने परोक्ष रूप से देश में हथियारों की आपूर्ति करने वाली बाहरी शक्तियों को यूक्रेन की रूस विरोधी भावना के लिये ज़िम्मेदार ठहराया।
  • उन्होंने सशस्त्र विद्रोह के प्रयासों के खिलाफ रूसी राजनीतिक समूहों और समाज की एकता का पक्ष लेते हुए बाह्य दबावों, प्रतिबंधों तथा उकसावे के विरुद्ध रूस के लचीलेपन पर ज़ोर दिया।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO):

परिचय : 

  • SCO  एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
  • यह एक राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है।
  • इसे वर्ष 2001 में बनाया गया था।
  • SCO चार्टर पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किये गए और वर्ष 2003 में इसे लागू किया गया।

उद्देश्य: 

  1. सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और सद्भाव को मज़बूत करना।
  2. राजनीति, व्यापार और अर्थव्यवस्था, अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी एवं संस्कृति के क्षेत्र में प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना।
  3. शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण आदि क्षेत्रों में संबधों को बढ़ाना।
  4. संबद्ध क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करना।
  5. एक लोकतांत्रिक, निष्पक्ष और तर्कसंगत नई अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्था की स्थापना करना। 

संरचना: 

राज्य परिषद का प्रमुख: यह सर्वोच्च SCO निकाय है जो अपने आंतरिक कामकाज़ और अन्य राज्यों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंधों पर निर्णय लेता है एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार करता है।

सरकारी परिषद का प्रमुख: यह बजट को मंज़ूरी देता है और SCO के भीतर आर्थिक संबंधों से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श करता है।

विदेश मंत्रियों की परिषद: यह दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर विचार करती है।

क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS): आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से निपटने के लिये स्थापित।

SCO सचिवालय: 

इसका सचिवालय बीजिंग में है, यही से सूचनात्मक, विश्लेषणात्मक और संगठनात्मक सहायता प्रदान की जाती है।

आधिकारिक भाषा: 

SCO सचिवालय की आधिकारिक कामकाज़ी भाषा रूसी और चीनी है।

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