द हिंदू: 9 मई 2025 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों है?
रूस में 9 मई को विजय दिवस (Victory Day) मनाया गया, जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ी जर्मनी पर जीत का प्रतीक है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मंच का उपयोग यूक्रेन पर हमले को सही ठहराने के लिए किया।
पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन की राजनीति में नव-नाजी (Neo-Nazi) तत्व सक्रिय हैं, और राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की (जो यहूदी हैं) को उनके अधीन बताया।
पश्चिमी देशों और यूक्रेन ने इस दावे को सिरे से खारिज किया।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
द्वितीय विश्व युद्ध (1941-45) में सोवियत संघ ने 2.7 करोड़ लोगों को खोया।
इसे महान देशभक्ति युद्ध (Great Patriotic War) कहा जाता है, जो रूस की राष्ट्रीय पहचान का आधार बन गया है।
युद्ध में सोवियत बलों ने स्टालिनग्राड और कुर्स्क में निर्णायक जीत दर्ज की थी।
पुतिन अक्सर युद्ध के दौरान अपने माता-पिता की व्यक्तिगत पीड़ाओं को साझा करते हैं।
रणनीतिक महत्व:
विजय दिवस को पुतिन ने राष्ट्रवाद (Nationalism) और सैन्य शक्ति प्रदर्शन का मंच बनाया है।
रूस के शहरों में सैन्य परेड, परमाणु हथियार वाहक मिसाइलें, और वायु प्रदर्शन इस अवसर का हिस्सा बनते हैं।
"Immortal Regiment" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को देशभक्ति से जोड़ा जाता है।
आंतरिक राजनीति में उपयोग:
रूस में विजय दिवस को एक सर्वस्वीकृत ऐतिहासिक विरासत माना जाता है — जो कि पुतिन के लिए विभाजनकारी राजनीति को साधने का उपकरण बन गया है।
पुतिन की सत्ता के 25 वर्षों में यह दिन राष्ट्रवाद को नवीन उद्देश्य देने का साधन बना।
इस ऐतिहासिक जीत का उपयोग पुतिन ने आधुनिक रूस को एक “वैश्विक शक्ति” के रूप में प्रस्तुत करने के लिए किया।
यूक्रेन पर आक्रमण से संबंध:
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करते समय पुतिन ने इसे “असैन्यीकरण” और “नव-नाजीकरण से मुक्ति” का अभियान बताया।
वे यूक्रेन के कुछ ऐसे नेताओं को उदाहरण के रूप में पेश करते हैं जिन्होंने WWII के दौरान नाज़ियों का साथ दिया था (जैसे Stepan Bandera)।
यह एक राजनीतिक कथा (Narrative) बनाई गई है जो विजय दिवस की विरासत को यूक्रेन युद्ध से जोड़ती है।
वैश्विक प्रतिक्रिया:
अमेरिका, यूरोप, और यूक्रेन ने पुतिन के “नव-नाजी” दावे को झूठा और प्रचार आधारित बताया।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे नेताओं को आमंत्रित कर पुतिन ने यह दिखाने की कोशिश की कि रूस अकेला नहीं है।
हालांकि, यूक्रेनी ड्रोन हमलों और मॉस्को हवाईअड्डों पर बाधाओं ने समारोहों पर साया डाल दिया।
प्रतीकात्मकता और विरासत:
विजय दिवस आज भी रूस में सबसे महत्वपूर्ण धर्मनिरपेक्ष पर्व है।
यह पुतिन के लिए ऐतिहासिक गौरव और वर्तमान नीतियों को वैध ठहराने का साधन है।
राजनीतिक विश्लेषक निकोलाई पेत्रोव के अनुसार, पुतिन के लिए “नाज़ियों पर जीत = यूक्रेनी नव-नाज़ियों पर जीत” के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
निष्कर्ष:
स्थान और पूजा सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई भारत में धर्मनिरपेक्षता का भविष्य तय कर सकती है:
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