द हिंदू: 11 दिसंबर, 2024 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों?
केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में पीएम पोषण योजना के तहत खाद्य सामग्री की महंगाई के कारण ₹425.62 करोड़ का अतिरिक्त भार वहन करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 11.7 करोड़ छात्रों को पका हुआ भोजन प्रदान किया जाता है।
अब तक की कहानी:
मुद्रास्फीति समायोजन: शिक्षा मंत्रालय ने श्रम ब्यूरो के मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर दालों, सब्जियों और तेल की सामग्री लागत में 13.7% की वृद्धि की है।
नए दरें: 1 दिसंबर, 2024 से बलवाटिका और प्राथमिक कक्षाओं के लिए प्रति भोजन सामग्री की लागत बढ़ाकर 6.19 रुपये और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 9.29 रुपये कर दी गई है।
पिछले वर्षों में मिस्ड संशोधन: 2022-23 (6.45%) और 2023-24 (6.74%) के मुद्रास्फीति मूल्यों पर भी विचार किया गया है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
पोषण आवंटन: बालवाटिका और प्राथमिक छात्रों को 20 ग्राम दाल, 50 ग्राम सब्जियां, और 5 ग्राम तेल मिलता है। उच्च प्राथमिक छात्रों को 30 ग्राम दाल, 50 ग्राम सब्जियां, और 7 ग्राम तेल मिलता है।
राज्य योगदान: राज्य/केंद्र शासित प्रदेश न्यूनतम निर्धारित हिस्से से अधिक योगदान कर सकते हैं।
अनाज आपूर्ति: केंद्र 26 लाख टन अनाज सालाना प्रदान करता है, जिसकी लागत ₹9,000 करोड़ है, जिसमें 100% परिवहन सब्सिडी शामिल है।
मुख्य मुद्दे:
महंगाई का प्रभाव: बढ़ती लागत भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
वित्तीय जिम्मेदारी: केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को कुशल क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा।