द हिंदू: 23 मई 2025 को प्रकाशित:
क्यों है खबरों में?
यह समाचार चीन-ताइवान के बीच संभावित सैन्य संघर्ष को लेकर वैश्विक निवेशकों की बढ़ती चिंताओं को उजागर करता है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका-चीन संबंधों में तनाव बढ़ा है, जिससे ताइवान में निवेश को लेकर जोखिम की धारणा और अधिक गंभीर हो गई है।
पृष्ठभूमि:
ताइवान 1949 से ही एक स्वशासित लोकतंत्र के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि चीन इसे अपना हिस्सा मानता है।
अमेरिका लंबे समय से "वन चाइना पॉलिसी" का पालन करता है, लेकिन ताइवान की रक्षा को लेकर रणनीतिक अस्पष्टता बनाए रखता है।
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में ट्रेड टैरिफ, चीन पर कठोर बयानबाज़ी और विदेशी नीति में अस्थिरता के कारण तनाव और बढ़ा है।
सेमीकंडक्टर उद्योग, विशेष रूप से TSMC (Taiwan Semiconductor Manufacturing Company), वैश्विक तकनीकी आपूर्ति शृंखला में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य मुद्दे:
निवेशकों की दुविधा:
कुछ निवेशक जोखिम के बावजूद ताइवान में बने रहने के पक्ष में हैं।
वहीं, कुछ पूरी तरह से निवेश हटाने की सोच रहे हैं।
जोखिम से बचाव का अभाव:
विशेषज्ञों के अनुसार यदि संघर्ष हुआ, तो मुद्रा समाप्त हो सकती है, ट्रेड रुक सकता है, जिससे कोई प्रभावी हेजिंग संभव नहीं।
विदेशी पूंजी का पलायन:
2025 में अब तक $11 बिलियन की विदेशी पूंजी ताइवान के बाजारों से बाहर जा चुकी है।
भूराजनीतिक अनिश्चितता:
ट्रंप की विदेश नीति में अस्पष्टता और चीन द्वारा बढ़ते सैन्य अभ्यास से निवेशकों की चिंता बढ़ी है।
धारणा बनाम वास्तविकता:
कुछ स्थानीय फंड मैनेजर्स का मानना है कि निवेशक युद्ध के जोखिम को ज़रूरत से ज़्यादा आंक रहे हैं।
प्रमुख हितधारक:
वैश्विक निवेशक – अपने पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिंतित।
ताइवानी सरकार – शांतिपूर्ण समाधान की बात कर रही है लेकिन संप्रभुता पर अडिग है।
चीन – ताइवान को अपना अविभाज्य हिस्सा मानता है।
अमेरिकी सरकार – रुख स्पष्ट नहीं है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
TSMC और तकनीकी क्षेत्र – वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति का केंद्र।
प्रभाव / परिणाम:
बाज़ार में गिरावट – ताइवान का बेंचमार्क इंडेक्स इस वर्ष 6% गिर चुका है।
तकनीकी उद्योग पर संकट – TSMC की अस्थिरता से Apple, Nvidia जैसी कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है।
वैश्विक आपूर्ति शृंखला बाधित हो सकती है जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और AI सेक्टर प्रभावित होंगे।
रक्षा नीति में बदलाव – एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीति पुनः निर्धारित की जा रही है।
भविष्य की संभावना:
अस्थिरता बनी रहेगी – अमेरिका की अस्पष्ट नीति और चीन की आक्रामकता के चलते तनाव जारी रहेगा।
संभावित सुधार – मई 2025 में कुछ विदेशी निवेशकों की वापसी दिखाती है कि उम्मीद अब भी है।
TSMC पर वैश्विक निर्भरता – निवेशकों को लगता है कि अमेरिका TSMC के कारण ताइवान की रक्षा करेगा।