टीवी चैनलों के लिए नए मानदंड

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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

खबरों में क्यों?

हाल ही में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं और नए अपलिंकिंग और डाउनलोडिंग नियम निर्दिष्ट किए हैं।

इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B) ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि किसी भी तरह का प्रसारण प्रसार भारती के जरिए ही किया जाए।

क्या हैं नए प्रावधान?

राष्ट्रीय/सार्वजनिक हित में सामग्री प्रसारित करने की बाध्यता:

टेलीविजन चैनलों को हर दिन 30 मिनट के लिए राष्ट्रहित या सार्वजनिक सेवा में सामग्री प्रसारित करनी होगी।

बहरहाल, ये दायित्व खेल, वन्य जीवन और विदेशी चैनलों के लिए लागू नहीं होंगे।

राष्ट्रीय महत्व के विषयों में शामिल हैं:

  • शिक्षा और साक्षरता का प्रसार
  • कृषि और ग्रामीण विकास,
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण,
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी,
  • महिलाओं का कल्याण
  • समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण
  • पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता की सुरक्षा।

घटनाओं के लाइव टेलीकास्ट के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं:

कार्यक्रमों के सीधा प्रसारण के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है, केवल लाइव प्रसारण के लिए कार्यक्रमों का पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा,

मानक परिभाषा (एसडी) से हाई डेफिनिशन (एचडी) या इसके विपरीत भाषा में परिवर्तन या ट्रांसमिशन के मोड के रूपांतरण के लिए पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है, केवल पूर्व सूचना की आवश्यकता होगी।

भारतीय टेलीपोर्ट्स विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं:

एलएलपी/कंपनियों को भारतीय टेलीपोर्ट से विदेशी चैनलों को अपलिंक करने की अनुमति दी जाएगी जो रोजगार के अवसर पैदा करेगा और भारत को अन्य देशों के लिए टेलीपोर्ट-हब बना देगा।

सरलीकरण और युक्तिकरण:

दोहराव और सामान्य मापदंडों से बचने के लिए दिशानिर्देशों की संरचना को व्यवस्थित किया गया है।

जुर्माने की धाराओं को युक्तिसंगत बनाया गया है और वर्तमान में एकसमान जुर्माने की तुलना में विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों के लिए जुर्माने की अलग प्रकृति का प्रस्ताव किया गया है।

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