द हिंदू: 1 जुलाई 2025 को प्रकाशित:
समाचार में क्यों?
डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीति और टैरिफ संबंधी अनिश्चितताओं के चलते निवेशकों का विश्वास अमेरिकी बाजार में कम हुआ है। इसके चलते निवेशक अब यूरोप की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं, विशेषकर हाइड्रोजन और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में। यूरोप की नीतिगत स्थिरता और रणनीतिक निवेश योजनाएँ प्रमुख आकर्षण बन गई हैं।
पृष्ठभूमि:
ट्रम्प के कार्यकाल में व्यापार युद्ध और भारी टैरिफ घोषणाओं ने वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं और निवेश की योजना में अस्थिरता उत्पन्न की।
ट्रम्प ने जुलाई 2025 तक यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौते की समयसीमा तय की है, अन्यथा 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
अनिश्चित, अचानक निर्णय और शक्तियों के दायरे से बाहर जाने वाली कार्यकारी घोषणाओं ने अमेरिका को निवेश के लिए असुरक्षित बना दिया है।
प्रमुख घटनाक्रम:
2025 की पहली छमाही में यूरोपीय इक्विटी फंड में $100 अरब से अधिक का निवेश हुआ — पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना।
इसके विपरीत, अमेरिका से $87 अरब का पूंजी बहिर्गमन हुआ।
जर्मनी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 2025 के पहले चार महीनों में दोगुना होकर €46 अरब पर पहुँच गया — 2022 के बाद सबसे ऊँचा स्तर।
जर्मन कंपनियों ने अमेरिका से निवेश निकालना शुरू कर दिया है — अप्रैल 2025 में अमेरिका में उनका FDI संतुलन -€2.38 अरब रहा।
संबंधित पक्ष:
निवेशक व फंड मैनेजर: अब अमेरिका की जगह यूरोप को प्राथमिकता दे रहे हैं।
हाइड्रोजन फर्म H2Apex: CEO ने यूरोप की नीतिगत स्थिरता को प्राथमिक कारण बताया।
Siemens Energy, Holcim जैसी कंपनियाँ: यूरोप में बढ़ते निवेशक विश्वास और शेयर मूल्य में वृद्धि देख रही हैं।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB): इसे यूरोप पर बढ़ते भरोसे का संकेत मानता है।
आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव:
यूरोप के लिए:
निवेश में वृद्धि से आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
हाइड्रोजन, रक्षा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में वैश्विक नेतृत्व की ओर एक कदम।
चीन और अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा में संतुलन की संभावना।
अमेरिका के लिए:
निवेश की विश्वसनीयता में गिरावट।
व्यापारिक कंपनियों की योजना और लागत पर प्रतिकूल प्रभाव।
राजनीतिक हस्तक्षेप के डर से विदेशी निवेश में कमी।
चुनौतियाँ:
यूरोप में अब भी नियामक जटिलताएँ, धीमी स्वीकृति प्रक्रियाएँ और श्रम-नियमों की कठोरता जैसी समस्याएं बनी हुई हैं।
फ्रांस जैसी कुछ देशों में राजनीतिक अनिश्चितता निवेशकों को प्रभावित कर सकती है।
अमेरिका और चीन की तुलना में तकनीकी व नवाचार में यूरोप अभी पीछे है।
निष्कर्ष:
यह रुझान स्पष्ट करता है कि वैश्विक निवेशकों का भरोसा अब तेजी से बदलते अमेरिकी माहौल से हटकर नीतिगत स्थिरता वाले यूरोप की ओर बढ़ रहा है। यदि ट्रम्प की टैरिफ नीतियाँ बनी रहती हैं, तो अमेरिका को दीर्घकालीन पूंजी बहिर्गमन का सामना करना पड़ सकता है, जबकि यूरोप एक नई वैश्विक निवेश हब के रूप में उभर सकता है।