स्रोत: द हिंदू
खबरों में क्यों?
हाल ही में, अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया, ताकि नामित सैन्य कमांडरों को सैनिकों का कार्यभार संभालने और अनुशासन लागू करने का अधिकार दिया जा सके, चाहे वे किसी भी सेवा से संबंधित हों।
इस विधेयक को एकीकृत अथवा संयुक्त कमान/कमांड की स्थापना से पहले पेश किया गया है, जिसके अनुसार सभी संसाधन और सैन्यकर्मी भारतीय थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के एक एकल 3-स्टार रैंक वाले जनरल के परिचालन नियंत्रण में होंगे।
प्रमुख बिंदु
भारतीय सशस्त्र बलों की वर्तमान व्यवस्था:
चीन द्वारा अपने सशस्त्र बलों का संचालन:
वर्ष 2016 में चीन ने आक्रामक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिये अपनी 2.3 मिलियन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को पाँच थिएटर कमांड में पुनर्गठित किया।
इसका वेस्टर्न थिएटर कमांड पूर्वी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की देख-रेख करता है।
चीन से लगी उत्तरी सीमाओं हेतु भारत के पास चार सेनाएँ और तीन भारतीय वायु सेना कमांड हैं।
पहल का महत्त्व:
यह विधेयक विभिन्न प्रकार के मूर्त लाभों का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिसमें त्वरित मामला निपटान, कई कार्यवाहियों से बचकर समय और सार्वजनिक धन की बचत, साथ ही सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच अधिक एकीकरण एवं संयुक्त कौशल शामिल हैं।
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