द हिंदू: 24 दिसंबर 2024 को प्रकाशित:
खबर में क्यों?
खनन मंत्रालय ने भारत की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है। हालांकि, इन खनिजों के लिए चीन पर भारत की निर्भरता ने चिंता बढ़ा दी है, खासकर जब चीन इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर रणनीतिक प्रभुत्व रखता है।
भारत के लिए महत्वपूर्ण खनिज:
भारत ने 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है, जो अर्धचालकों, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी, एयरोस्पेस और सौर प्रौद्योगिकियों जैसी उद्योगों के लिए जरूरी हैं।
इनमें से 10 खनिजों के लिए भारत पूरी तरह से आयात पर निर्भर है, जो घरेलू क्षमताओं की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
विश्व का सबसे बड़ा खनन राष्ट्र
चीन का प्रभुत्व:
चीन के पास 173 प्रकार के खनिज हैं और उसने खनन और प्रसंस्करण में अभूतपूर्व नियंत्रण प्राप्त किया है।
2022 में, चीन ने खोज में $19.4 बिलियन का निवेश किया और 132 नए खनिज भंडार खोजे, जिनमें 34 बड़े भंडार शामिल हैं।
वैश्विक प्रसंस्करण पर नियंत्रण:
रेयर अर्थ: 87%
लिथियम: 58%
सिलिकॉन: 68%
चीन का निर्यात नियंत्रण:
रणनीतिक प्रतिबंध:
उन खनिजों को निशाना बनाता है जो पश्चिमी देशों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, खासकर हाई-टेक उद्योगों के लिए।
उदाहरण: जापान पर रेयर अर्थ का प्रतिबंध (2010), एंटीमनी, गैलियम और जर्मेनियम पर हालिया प्रतिबंध, और दिसंबर 2023 में रेयर अर्थ तकनीकों पर प्रतिबंध।
संतुलित दृष्टिकोण:
घरेलू उद्योगों को बाधित करने या पश्चिमी आयातों पर निर्भर खनिजों को नियंत्रित करने से बचता है।
क्या भारत चीन पर निर्भर है?:
भारत की चीन पर 40% से अधिक निर्भरता कई महत्वपूर्ण खनिजों के लिए है:
बिस्मथ: 85.6%
लिथियम: 82%
सिलिकॉन: 76%
टाइटेनियम: 50.6%
टेल्यूरियम: 48.8%
ग्रेफाइट: 42.4%
निर्भरता के कारण:
घरेलू प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों की कमी।
चीन की स्थापित रिफाइनिंग क्षमताओं पर निर्भरता।
भारत ने जम्मू-कश्मीर में लिथियम भंडार का खनन क्यों नहीं किया?
चुनौतियाँ:
हाल ही में खोजे गए भंडार (5.9 मिलियन टन मिट्टी जमा में) उन्नत निष्कर्षण तकनीक की आवश्यकता रखते हैं, जो भारत के पास नहीं है।
उच्च जोखिम वाले निवेश और निजी क्षेत्र की भागीदारी की कमी के कारण विकास बाधित हो रहा है।
निष्कर्ष:
भारत अपने आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविधता देने और चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है, जैसे:
काबिल (KABIL): विदेशी खनिज संपत्तियों को सुरक्षित करना।
खनिज सुरक्षा साझेदारी और महत्वपूर्ण कच्चा माल क्लब जैसे रणनीतिक साझेदारी।
रीसाइक्लिंग और परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
इन प्रयासों के बावजूद, चीन पर निर्भरता कम करने के लिए सतत निवेश, नीतिगत सुधार और तकनीकी विकास की आवश्यकता होगी।