द हिंदू: 10 मार्च 2025 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों है?
INST मोहाली और BARC मुंबई के वैज्ञानिकों ने एक नई दोगुनी सुरक्षित फ्लोरेसेंट स्याही (fluorescent ink) विकसित की है, जो स्ट्रोंशियम बिस्मथ फ्लोराइड नैनोपार्टिकल्स (strontium bismuth fluoride nanoparticles) का उपयोग करके बनाई गई है।
यह स्याही खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अल्ट्रावायलेट (UV) और इन्फ्रारेड (IR) दोनों प्रकाश के संपर्क में आने पर चमकती है, जबकि आमतौर पर मौजूदा स्याही केवल एक प्रकार की रोशनी में ही दिखाई देती है।
इस खोज का उद्देश्य बैंक नोट, चेक, पासपोर्ट, और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा को मजबूत बनाना है ताकि नकली दस्तावेज़ तैयार करने वालों को रोकने में सहायता मिल सके।
पृष्ठभूमि:
नकली दस्तावेज़ और वस्तुएं अर्थव्यवस्था, व्यवसाय और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं।
नकली उत्पादों को रोकने के लिए विभिन्न सुरक्षा मुद्रण तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि वॉटरमार्क, होलोग्राम, और ऑप्टिकली वेरिएबल इंक (Optically Variable Ink)।
इन तकनीकों के बावजूद, जालसाज अक्सर इन सुरक्षा विशेषताओं की नकल करने में सफल हो जाते हैं, जिससे बेहतर समाधान की आवश्यकता बनी रहती है।
प्रमुख नवाचार (Innovation):
विशेषताएं:
दोहरे स्पेक्ट्रम दृश्यता (Dual-spectrum visibility): यह स्याही दोनों प्रकार की रोशनी - UV और IR में चमकती है, जिससे इसे नकली स्याही से अलग करना मुश्किल हो जाता है।
टिकाऊपन: यह स्याही विभिन्न परिस्थितियों जैसे कि रोशनी, तापमान, और आर्द्रता के संपर्क में आने पर भी प्रभावी बनी रहती है।
कम लागत में उत्पादन: यह स्याही एक सरल को-प्रेसिपिटेशन (coprecipitation) विधि द्वारा कमरे के तापमान पर तैयार की गई है, जिससे इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन करना आसान हो जाता है।
संभावित उपयोग:
हालांकि अभी यह स्याही केवल स्क्रीन प्रिंटिंग द्वारा परीक्षण की गई है, लेकिन वैज्ञानिक इसे ऑफसेट प्रिंटिंग के लिए विकसित करने पर काम कर रहे हैं, जिसे आमतौर पर मुद्रा नोटों की छपाई में उपयोग किया जाता है।
इस स्याही का उपयोग पासपोर्ट, चेक, प्रमाण पत्र, और अन्य उच्च सुरक्षा दस्तावेजों में भी किया जा सकता है।
भविष्य के प्रभाव:
निष्कर्ष:
यह अभिनव स्याही भारत में सुरक्षा मुद्रण (Security Printing) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखती है। वैज्ञानिकों द्वारा इसे ऑफसेट प्रिंटिंग के लिए और अधिक उपयुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं, जिससे इसे व्यापक स्तर पर सुरक्षा प्रणालियों में लागू किया जा सकेगा।