SEC निष्पक्ष चुनाव कैसे सुनिश्चित कर रहा है?

SEC निष्पक्ष चुनाव कैसे सुनिश्चित कर रहा है?

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द हिंदू: 14 नवंबर 2025 को प्रकाशित।

 

ख़बर में क्यों?

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 2 दिसंबर से तीन चरणों में कराए जाएंगे।

विपक्ष ने मतदाता सूची में त्रुटियों, डुप्लीकेट नाम, गलत पते और बाहरी मतदाताओं को लेकर गंभीर आपत्तियाँ उठाई हैं।

इसी संदर्भ में राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) यह स्पष्ट कर रहा है कि वह त्रुटियों को कैसे संबोधित करेगा, जबकि उसके अधिकार सीमित हैं।

 

SEC की भूमिका क्या है?

मतदाता सूची तैयार करने या नाम हटाने/जोड़ने का अधिकार SEC के पास नहीं है।

वह केवल केन्द्रीय निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा तैयार मतदाता सूची को वार्डों में विभाजित करता है।

 

SEC की मुख्य जिम्मेदारियाँ:

वार्ड सीमांकन (Delimitation)

स्थानीय निकाय चुनावों का संचालन

ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आपत्तियाँ आमंत्रित करना

अंतिम वोटर सूची प्रकाशित करना

मतदान केंद्र सूची जारी करना

 

कौन-सी मतदाता सूची उपयोग होगी?

1 जुलाई 2025 तक की संशोधित मतदाता सूची उपयोग होगी।

1 जनवरी 2025 के बाद 18 वर्ष पूरे करने वाले नए मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाएँगे, जिससे युवाओं में असंतोष है।

 

डुप्लीकेट और मिसिंग एंट्री कैसे संभाली जाएंगी?

(a) SEC खुद नाम हट/जोड़ नहीं सकता, लेकिन—

(b) डुप्लीकेट पाए जाने पर —

वह डुप्लीकेट या संदिग्ध नामों को चिह्नित कर सकता है।

पहचान के लिए चार फ़िल्टर का उपयोग होगा:

पहला नाम

मध्य नाम

अंतिम नाम

लिंग

संबंधित नाम Chief Electoral Officer (CEO) को भेजे जाएंगे।

फील्ड वेरिफिकेशन होगा।

मतदाता को बताना होगा कि वह किस बूथ पर मतदान करेगा।

यह घोषणाएँ (undertakings) मतदान केंद्र पर सुरक्षित रखी जाएंगी ताकि व्यक्ति एक से अधिक जगह वोट न कर सके।

 

किसे आपत्ति दर्ज करने का अधिकार है?

सभी नागरिक, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और संगठन निम्न प्रकार की आपत्तियाँ उठा सकते हैं:

नाम विधानसभा सूची में है लेकिन स्थानीय सूची में नहीं।

नाम गलत वार्ड में लगा है।

डुप्लीकेट एंट्री।

एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाता पंजीकृत हैं।

 

आपत्तियाँ कैसे और कब निपटेंगी?

Revised Programme (Municipal Corporations के लिए):

20 नवंबर: ड्राफ्ट लिस्ट जारी

20–27 नवंबर: आपत्तियाँ और सुझाव स्वीकार

5 दिसंबर: अंतिम वार्ड-वार सूची

8 दिसंबर: मतदान केंद्र सूची

12 दिसंबर: अंतिम मतदान केंद्र-वार मतदाता सूची

 

क्या विपक्ष की चिंताएँ दूर होंगी?

विपक्ष का कहना है कि—

पूरी प्रणाली अपारदर्शी है।

“Bulk voters”, “Zero address voters”, “महाराष्ट्र से बाहर के अवैध मतदाता” जैसे मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं।

सूची में मूल त्रुटियाँ ECI के अंतर्गत आती हैं, इस कारण SEC उन्हें ठीक नहीं कर सकता।

इतने कम समय में डुप्लीकेट एंट्री की जाँच व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, यह विपक्ष की बड़ी चिंता है।

 

SEC का जवाब:

वह केवल चिह्नित कर सकता है, हटाने का अधिकार नहीं।

CEO के माध्यम से फील्ड वेरिफिकेशन और डुप्लीकेट मार्किंग से कुछ हद तक समाधान होगा।

 

निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मुख्य कदम:

डुप्लीकेट नामों की मशीन-आधारित पहचान

फील्ड वेरिफिकेशन

अंडरटेकिंग प्रक्रिया, जिससे एक व्यक्ति केवल एक बूथ पर वोट कर सके

वार्ड-वार सूची का पुनर्समीक्षा

सार्वजनिक आपत्तियों का निपटान

प्रत्येक मतदान केंद्र में मार्क्ड कॉपी रखी जाएगी

मतदान केंद्र-वार सूची का अंतिम सत्यापन

 

अंतिम निष्कर्ष:

  • SEC की शक्तियाँ सीमित हैं, इसलिए मूल त्रुटियाँ ECI की सूची पर निर्भर करती हैं।
  • डुप्लीकेट और मिसिंग एंट्री को चिह्नित करने की प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन विपक्ष की बड़ी चिंताएँ (जैसे अवैध पंजीकरण, बड़े पैमाने पर वोटर जोड़ना) अभी भी पूरी तरह हल नहीं हो पाएंगी।
  • चुनाव समयसीमा तंग है, इसलिए इसका प्रभाव चुनाव की तैयारी पर पड़ सकता है।
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