द हिंदू: 4 मार्च 2025 को प्रकाशित:
यह खबर में क्यों है ?
जनवरी में चीन की यात्रा के दौरान, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कई चीनी अधिकारियों से मुलाकात की, जिनमें शामिल थे:
विदेश मंत्री वांग यी (जो कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं)।
उप विदेश मंत्री सुन वेइडोंग
लियू जियानचाओ, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग (IDCPC) के प्रमुख
यह बैठकें इस बात को उजागर करती हैं कि चीन की विदेश नीति में पार्टी और सरकार का गहरा तालमेल है। भारत जैसे देशों में पार्टी और सरकार अलग-अलग संस्थाएँ होती हैं, लेकिन चीन में कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) सरकार से ऊपर होती है और सभी नीतिगत निर्णय उसी के नियंत्रण में होते हैं।
चीन में विदेश नीति बनाने की संरचना-
चीन में विदेश नीति तय करने वाले प्रमुख संस्थान
चीन में विदेश नीति बनाने की प्रक्रिया दो प्रमुख संस्थानों द्वारा संचालित होती है:
(A) पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी (PBSC)
यह सबसे उच्च स्तर की निर्णय लेने वाली संस्था है।
यह विदेश नीति की समग्र दिशा तय करती है, लेकिन दैनिक प्रशासनिक निर्णय नहीं लेती।
(B) CPC सेंट्रल कमेटी की विदेशी मामलों की आयोग (FAC)
विदेश नीति समन्वय और निर्णय लेने वाली मुख्य संस्था।
इसका नेतृत्व राष्ट्रपति शी जिनपिंग करते हैं, और ली कियांग उप प्रमुख हैं।
यह विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय और नीति कार्यान्वयन सुनिश्चित करता है।
इस आयोग के कार्यालय का प्रबंधन वांग यी (विदेश मंत्री) द्वारा किया जाता है, जो नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
CPC के अंतर्राष्ट्रीय विभाग (IDCPC) की भूमिका
यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की कूटनीतिक शाखा है, जो पार्टी-से-पार्टी कूटनीति को बढ़ावा देती है।
इसका नेतृत्व लियू जियानचाओ करते हैं, जो पूर्व विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और राजनयिक रह चुके हैं।
150 से अधिक देशों की राजनीतिक पार्टियों के साथ संपर्क स्थापित करने का कार्य करता है।
दक्षिण एशिया में CPC ने भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के साथ भी संवाद स्थापित किया है।
इसके अलावा, CPC की एक और महत्वपूर्ण संस्था विदेश नीति में गुप्त भूमिका निभाती है:
(A) यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (UFWD)
यह विदेशों में रह रहे चीनी प्रवासियों, हांगकांग, ताइवान और तिब्बत से जुड़े मामलों को संभालता है।
विदेशी देशों के बुद्धिजीवियों, मीडिया, और संस्थानों पर प्रभाव डालने का कार्य करता है।
चीन के आंतरिक मामलों पर अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को नियंत्रित करने में सहायक है।
क्या चीन का विदेश मंत्रालय (MFA) विदेश नीति को नियंत्रित करता है?
(A) विदेश मंत्रालय (MFA)
यह चीन की सरकार के तहत काम करने वाला एक सरकारी निकाय है।
इसका नेतृत्व विदेश मंत्री वांग यी कर रहे हैं।
इसका मुख्य कार्य विदेश नीति के कार्यान्वयन और कूटनीतिक गतिविधियों का संचालन करना है।
शक्ति संरचना में स्थिति:
इसे "मध्यम स्तर" की संस्था माना जाता है, जिसे विदेश नीति तय करने में सीमित स्वतंत्रता मिलती है।
हालांकि, शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद इसकी स्थिति मजबूत हुई है।
शी जिनपिंग विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और राजदूतों से सीधे संवाद करते हैं, जो यह दर्शाता है कि शी सरकार विदेश नीति को केंद्रीकृत करने की दिशा में बढ़ रही है।
चीन की अन्य प्रमुख विदेश नीति संस्थाएँ-
CPC और MFA के अलावा, अन्य कई संगठन भी चीन की विदेश नीति को प्रभावित करते हैं:
भारत और अन्य देशों के लिए निष्कर्ष-
भारत और अन्य देशों को चीन के साथ प्रभावी बातचीत के लिए CPC, सरकारी निकायों, और सुरक्षा एजेंसियों की इस बहु-स्तरीय संरचना को ध्यान में रखना होगा।