इंडिया टुडे: 21 नवंबर 2024 को प्रकाशित:
समाचार में क्यों?
दिल्ली की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, जिसमें AQI 750 से 1500 तक दर्ज किया गया है। बीजिंग से तुलना यह दिखाती है कि जहां चीन ने एक दशक में अपने प्रदूषण स्तर को काफी हद तक कम कर लिया, वहीं दिल्ली अब भी सांस लेने के लिए जूझ रही है।
इतिहास:
बीजिंग की स्थिति (2013 से पहले): 2013 में, बीजिंग को औद्योगिक प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और कोयला आधारित बिजली संयंत्रों जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।
दिल्ली की समस्याएँ: दिल्ली में वाहनों और उद्योगों के प्रदूषण के अलावा पंजाब, हरियाणा, और अन्य राज्यों में पराली जलाने से स्थिति और खराब हो जाती है।
स्वास्थ्य प्रभाव: वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में हर साल लगभग 12,000 लोगों की मृत्यु होती है।
चीन ने बीजिंग में सुधार कैसे किया:
भारी निवेश: चीन ने $100 बिलियन की योजना शुरू की, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा और संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया।
कोयला कम करना: कोयला आधारित संयंत्रों को प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा से बदल दिया गया।
वाहनों पर नियंत्रण: सख्त उत्सर्जन मानक और उच्च प्रदूषण वाले वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया गया।
औद्योगिक स्थानांतरण: भारी उद्योगों को शहरी क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित किया गया।
भारत बनाम चीन:
राजनीतिक इच्छाशक्ति: चीन के केंद्रीकृत शासन ने तेजी से बड़े फैसले लिए, जबकि भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीति में मतभेद देरी का कारण बने।
नीतियों का क्रियान्वयन: भारत में GRAP जैसी योजनाएँ हैं, लेकिन उनके प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी में कमी है।
संसाधनों की कमी: चीन ने प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में भारी निवेश किया, जबकि भारत में पर्यावरणीय योजनाओं के लिए बजट सीमित है।
चिंता क्यों करें?
स्वास्थ्य प्रभाव: दिल्ली की वायु गुणवत्ता से लाखों लोग बीमार हो रहे हैं, जिससे हृदय और श्वसन रोग बढ़ रहे हैं।
आर्थिक प्रभाव: प्रदूषण उत्पादकता, स्वास्थ्य व्यय और पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
वैश्विक छवि: लगातार बढ़ते प्रदूषण से भारत की वैश्विक छवि को नुकसान हो सकता है।
दिल्ली के लिए हम क्या कर रहे हैं?
नीतियाँ: ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) और नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) वायु प्रदूषण को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
पराली जलाने के समाधान: पराली जलाने के विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जैसे बायो-डिकम्पोज़र और कृषि उपकरण सब्सिडी।
स्वच्छ ईंधन: BS-VI वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जागरूकता और निगरानी: वास्तविक समय की निगरानी प्रणाली और जन जागरूकता अभियानों में सुधार किया जा रहा है।