कैसे पड़ोसी को भिखारी बनाने की नीतियाँ वैश्विक व्यापार को ठप्प कर सकती हैं:

कैसे पड़ोसी को भिखारी बनाने की नीतियाँ वैश्विक व्यापार को ठप्प कर सकती हैं:

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द हिंदू: 5 फरवरी 2025 को प्रकाशित:

 

चर्चा में क्यों है?

संरक्षणवादी नीतियों (Protectionist Policies) का वैश्विक व्यापार में पुनरुत्थान, विशेष रूप से अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध।

देशों द्वारा मुद्रा अवमूल्यन (Currency Devaluation) के माध्यम से निर्यात को बढ़ाने के प्रयास।

वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Economic Slowdown) को लेकर बढ़ती चिंताएँ, जैसे कि 1930 के दशक की महामंदी (Great Depression) के समय देखी गई थीं।

जनवादी आर्थिक नीतियों (Populist Economic Policies) का उदय, विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियाँ।

 

आर्थिक प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव (समर्थकों की दृष्टि से)

घरेलू उद्योगों और नौकरियों की रक्षा होती है।

राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक।

मुद्रा अवमूल्यन से निर्यात को बढ़ावा मिलता है।

आयात पर निर्भरता घटती है, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ती है।

 

नकारात्मक प्रभाव (विरोधियों की दृष्टि से)

देशों के बीच प्रतिशोधी शुल्क (Retaliatory Tariffs) से वैश्विक व्यापार बाधित होता है।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएँ महंगी हो जाती हैं।

1930 की महामंदी की पुनरावृत्ति की संभावना बढ़ जाती है।

मुद्रा अवमूल्यन से क्रय शक्ति (Purchasing Power) घटती है।

 

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

1776 में उत्पत्ति: द वेल्थ ऑफ नेशंस में एडम स्मिथ ने इस नीति की आलोचना की।

दो विश्व युद्धों के बीच (1918-1939): प्रतिशोधी शुल्कों ने महामंदी को और गंभीर बना दिया।

हाल के उदाहरण:

  • अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध (2018-2020) – ट्रंप प्रशासन द्वारा चीनी वस्तुओं पर भारी शुल्क।
  • मुद्रा युद्ध – चीन और जापान पर अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करने के आरोप।

 

राजनीतिक और भू-राजनीतिक दृष्टिकोण

राष्ट्रवाद (Nationalism) और रोजगार सुरक्षा के लिए संरक्षणवादी नीतियाँ अपनाई जाती हैं।

व्यापार नीतियाँ वैश्विक राजनीति में हथियार की तरह प्रयोग होती हैं (जैसे अमेरिका द्वारा चीन पर शुल्क)।

जनवादी नेता (Populist Leaders) इन नीतियों का उपयोग वोट बैंक को मजबूत करने के लिए करते हैं।

 

वैकल्पिक समाधान

  • एकतरफा मुक्त व्यापार (Unilateral Free Trade) – कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जवाबी कार्रवाई के बजाय मुक्त व्यापार अपनाना बेहतर होगा।
  • वैश्विक व्यापार समझौते (Global Trade Agreements) – WTO जैसे संगठनों को मजबूत करना।
  • संतुलित नीति – संरक्षणवाद और मुक्त व्यापार के बीच संतुलन बनाना ताकि घरेलू उद्योग सुरक्षित रहें और वैश्विक व्यापार भी बाधित न हो।

 

भविष्य की संभावनाएँ

  • यदि संरक्षणवाद जारी रहा, तो व्यापार विवादों में वृद्धि हो सकती है।
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था के विखंडन (Fragmentation) की संभावना, जिसमें देश अलग-अलग व्यापार समूह बना सकते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता ताकि महामंदी जैसी आर्थिक समस्याओं से बचा जा सके।
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