द हिंदू: 10 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित।
क्यों चर्चा में है:
अमेरिका के स्टॉक ऑप्शन्स मार्केट (Stock Options Market) में इस समय असामान्य उत्साह देखने को मिल रहा है। निवेशक और व्यापारी बड़ी मात्रा में कॉल ऑप्शन्स (Call Options) खरीद रहे हैं — यानी वे यह दांव लगा रहे हैं कि शेयरों की कीमतें और बढ़ेंगी।
पिछले चार वर्षों में पहली बार कॉल ऑप्शन की मांग, पुट ऑप्शन (Put Option — गिरावट पर दांव) की तुलना में इतनी अधिक हो गई है।
यह स्थिति निवेशकों के बीच एक मजबूत “फियर ऑफ मिसिंग आउट (FOMO)” को दर्शाती है — यानी लाभ से वंचित रह जाने का डर।
Barclays Equity Euphoria Indicator के अनुसार निवेशक भावना ऐतिहासिक उच्च स्तर पर है, जो अक्सर बाज़ार सुधार (market correction) का संकेत देता है।
पृष्ठभूमि:
ऑप्शन ट्रेडिंग (Options Trading) वह तरीका है जिससे निवेशक शेयरों की कीमत बढ़ने या गिरने पर दांव लगाते हैं।
कॉल ऑप्शन तब खरीदा जाता है जब निवेशक मानते हैं कि शेयर का मूल्य बढ़ेगा।
पुट ऑप्शन तब लिया जाता है जब उन्हें गिरावट की संभावना लगती है।
जब कॉल ऑप्शन्स की संख्या बहुत अधिक हो जाती है, तो यह अत्यधिक आशावाद (over-optimism) का संकेत होता है।
ऐसा ही उत्साह 1990 के दशक के अंत में डॉट-कॉम बबल (Dot-com Bubble) के समय भी देखा गया था, जब निवेशकों का उत्साह वास्तविक मूल्यों से कहीं अधिक बढ़ गया था।
मुख्य घटनाएँ:
हाल में अमेरिकी निवेशक तेजी से कॉल ऑप्शन खरीद रहे हैं, जिससे बाज़ार में तेज़ी (bullish sentiment) और बढ़ी है।
S&P 500 इंडेक्स में लगातार बढ़त के कारण इसकी एक महीने की वोलैटिलिटी (volatility) 6.7% के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई है, जबकि व्यक्तिगत शेयरों में उतार-चढ़ाव बढ़ गया है — जो सट्टा प्रवृत्ति (speculative trend) का संकेत देता है।
Barclays Euphoria Indicator लगभग 14.3% पर है — जो औसत से तीन गुना ज्यादा है।
यह उत्साह मुख्य रूप से AI, सेमीकंडक्टर और मेटल सेक्टर में केंद्रित है।
उदाहरण के तौर पर, Nvidia के शेयर लगभग 38% और Broadcom के 45% तक बढ़े हैं।
Nasdaq Composite Index इस वर्ष करीब 19% ऊपर है, जबकि S&P 500 में लगभग 15% की बढ़त हुई है।
उत्साह के प्रमुख कारण:
AI और टेक कंपनियों की तेज़ी से बढ़ती कमाई और निवेशकों का भरोसा।
स्टॉक मार्केट के नए रिकॉर्ड स्तर, जिससे अधिक निवेशक आकर्षित हुए।
कम वोलैटिलिटी (Low volatility) — जिससे जोखिम उठाने की प्रवृत्ति बढ़ी।
फियर ऑफ मिसिंग आउट (FOMO) — यानी पिछली तेजी से चूक जाने का डर।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था और फेडरल रिजर्व नीति के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण।
प्रभाव और परिणाम:
सकारात्मक प्रभाव:
यह निवेशकों के बीच उच्च आत्मविश्वास और बाजार की मजबूती को दिखाता है।
AI और तकनीकी शेयरों की मांग बढ़ने से तरलता (liquidity) और पूंजी निवेश में वृद्धि हुई है।
समग्र रूप से यह अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक भावना (positive sentiment) को दर्शाता है।
नकारात्मक / जोखिम पक्ष:
ऐसी अत्यधिक आशावादी स्थिति (overheated market) अक्सर बाजार सुधार से पहले आती है।
Barclays के अनुसार, जब बहुत अधिक शेयर ‘यूफोरिया’ (euphoria) के संकेत देने लगते हैं, तो भविष्य के रिटर्न आम तौर पर घट जाते हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि यह दौर “लेट-साइकिल एक्स्यूबरेंस (Late-cycle exuberance)” जैसा है — जो 1990 के दशक की डॉट-कॉम बुलबुले की याद दिलाता है।
अगर यह उत्साह कायम रहा, तो आगे चलकर अल्पकालिक सुधार (short-term correction) या तेज़ गिरावट संभव है।
विशेषज्ञों की राय:
Greg Boutle (BNP Paribas) और Stefano Pascale (Barclays) जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति 1990 के दशक के उत्तरार्ध जैसी लग रही है, जब अत्यधिक उत्साह के बाद बाजार गिरावट आई थी।
Pascale ने चेताया कि जब भी यूफोरिया इंडिकेटर इस स्तर पर पहुंचता है, आने वाले महीनों में शेयरों की औसत रिटर्न दर गिरने लगती है।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि ऐसे बुलबुले लंबे समय तक टिक भी सकते हैं, इसलिए बहुत जल्दी बाज़ार से निकल जाना भी नुकसानदेह हो सकता है।
इसलिए निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे संतुलित रणनीति (balanced approach) अपनाएँ — यानी लाभ के अवसरों में बने रहें, लेकिन संभावित गिरावट से बचाव (hedging) की तैयारी भी रखें।
निष्कर्ष: