यूक्लिड अंतरिक्ष दूरबीन ने निकटवर्ती आकाशगंगा में नई ‘आइंस्टीन रिंग’ की खोज की

यूक्लिड अंतरिक्ष दूरबीन ने निकटवर्ती आकाशगंगा में नई ‘आइंस्टीन रिंग’ की खोज की

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द हिंदू: 3 मार्च 2025 को प्रकाशित:

 

यह खबर में क्यों है?

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के यूक्लिड अंतरिक्ष टेलीस्कोप ने आइंस्टाइन रिंग की खोज की है, जो गैलेक्सी NGC 6505 में स्थित है और 590 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। इसे Altieri's Ring नाम दिया गया है क्योंकि इसे ESA के वैज्ञानिक ब्रूनो अल्टिएरी ने सितंबर 2023 में देखा था। यह खोज इसलिए विशेष है क्योंकि इसे एक पहले से अध्ययन की गई नजदीकी गैलेक्सी में पाया गया है, जिससे यह एक दुर्लभ और मूल्यवान खोज बन गई है।

 

खोज को समझें

आइंस्टाइन रिंग क्या है?

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने 1915 में सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में भविष्यवाणी की थी कि गुरुत्वाकर्षण प्रकाश को मोड़ सकता है।

जब किसी दूरस्थ गैलेक्सी से आने वाला प्रकाश किसी विशाल वस्तु (जैसे दूसरी गैलेक्सी) के पास से गुजरता है, तो उस वस्तु का गुरुत्वाकर्षण प्रकाश को मोड़ देता है, जिससे एक रिंग जैसी आकृति बनती है, जिसे आइंस्टाइन रिंग कहते हैं।

यह प्रभाव तभी उत्पन्न होता है जब दूरस्थ गैलेक्सी, गुरुत्वाकर्षण लेंस और पृथ्वी लगभग संपूर्ण रूप से एक सीध में होते हैं।

 

अल्टिएरी की रिंग क्यों खास है?

यह कुछ ज्ञात आइंस्टाइन रिंग्स में से एक है, जिसे एक निकटवर्ती गैलेक्सी में देखा गया है।

अब तक केवल 5 अन्य गुरुत्वाकर्षण लेंस इस दूरी पर खोजे गए हैं।

यह रिंग 4.5 बिलियन प्रकाश-वर्ष दूर स्थित एक अन्य गैलेक्सी के विकृत छवियों से बनी है।

यह खोज दिखाती है कि पुरानी, पहले से ज्ञात गैलेक्सियों को नई तकनीकों से देखने पर महत्वपूर्ण नई जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं।

 

यह खोज कैसे हुई?

सितंबर 2023: ब्रूनो अल्टिएरी ने यूक्लिड के परीक्षण डेटा में इस रिंग को पहली बार देखा।

यह छवि धुंधली थी क्योंकि उस समय यूक्लिड का कैलिब्रेशन चल रहा था।

मार्च 2024: वैज्ञानिकों ने केक कॉस्मिक वेब इमेजर (KCWI) और अन्य टेलीस्कोप का उपयोग करके इस रिंग की पुष्टि की।

 

आइंस्टाइन रिंग्स का वैज्ञानिक महत्व

  • सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत की पुष्टि: यह दर्शाता है कि गुरुत्वाकर्षण प्रकाश को मोड़ सकता है।
  • डार्क मैटर (काले पदार्थ) का अध्ययन: डार्क मैटर प्रकाश के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं करता, लेकिन यह प्रकाश को गुरुत्वाकर्षण से मोड़ सकता है।
  • ब्रह्मांड के विस्तार का मापन: प्रकाश के विकृति प्रभाव से ब्रह्मांड के विस्तार की दर का आकलन किया जा सकता है।
  • दूरस्थ गैलेक्सियों का अवलोकन: गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग के कारण ऐसी गैलेक्सियाँ दिख सकती हैं जो अन्यथा अदृश्य होतीं।

 

यूक्लिड अंतरिक्ष टेलीस्कोप की भूमिका

  • जुलाई 2023 में लॉन्च हुआ, इसका लक्ष्य है डार्क यूनिवर्स (गहरे ब्रह्मांड) का नक्शा बनाना।
  • यह 100,000 गुरुत्वाकर्षण लेंसों की खोज करेगा, लेकिन आइंस्टाइन रिंग जैसी नजदीकी संरचनाएँ बहुत दुर्लभ हैं।
  • यह खोज यूक्लिड की वैज्ञानिक क्षमता को दर्शाती है, जिससे खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में नई प्रगति हो सकती है।

 

आगे क्या होगा?

  • यूक्लिड टेलीस्कोप आगे और गुरुत्वाकर्षण लेंस खोजेगा।
  • वैज्ञानिक अल्टिएरी की रिंग का उपयोग डार्क मैटर और ब्रह्मांडीय विकास को समझने के लिए करेंगे।
  • भविष्य की खोजें गुरुत्वीय लेंसिंग के नए पहलुओं को उजागर कर सकती हैं।

 

मुख्य निष्कर्ष

  • यूक्लिड अंतरिक्ष टेलीस्कोप ने NGC 6505 में 'आइंस्टाइन रिंग' खोजी, जिसे 'अल्टिएरी की रिंग' नाम दिया गया।
  • इस खोज ने आइंस्टाइन के सापेक्षता के सिद्धांत की पुष्टि की और डार्क मैटर तथा ब्रह्मांडीय विस्तार को समझने में मदद की।
  • यूक्लिड 100,000 गुरुत्वीय लेंस खोजेगा, लेकिन इतनी नजदीक की रिंग्स बहुत दुर्लभ हैं।
  • यह खोज यह भी साबित करती है कि नई तकनीकों से पुरानी गैलेक्सियों का अध्ययन करने से भी महत्वपूर्ण नई जानकारियाँ मिल सकती हैं।
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