डॉलर में और कमजोरी आने की संभावना, क्योंकि ‘ब्रांड यूएसए’ का चलन और कम हो गया

डॉलर में और कमजोरी आने की संभावना, क्योंकि ‘ब्रांड यूएसए’ का चलन और कम हो गया

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द हिंदू: 22 मई 2025 को प्रकाशित:

 

यह खबर में क्यों है? (Why in News):

अमेरिकी डॉलर वैश्विक बाजारों में कमजोर हो रहा है और इसकी कीमत में गिरावट आ रही है। जनवरी 2025 से अब तक डॉलर में 10% से अधिक गिरावट देखी गई है। इसके पीछे कई कारण हैं:

Moody’s द्वारा अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में कटौती

अत्यधिक राजकोषीय घाटा और व्यापार असंतुलन

‘ब्रांड USA’ में वैश्विक विश्वास में गिरावट

डॉलर संपत्तियों से निवेशकों का हटना

 

पृष्ठभूमि (Background):

पिछले दशक में अमेरिकी डॉलर को मजबूत अर्थव्यवस्था, विदेशी निवेश और सुरक्षित मुद्रा की भूमिका के कारण समर्थन मिलता रहा।

ट्रम्प प्रशासन की टैरिफ नीति और बड़े पैमाने पर कर कटौती ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी।

लंबे समय से डॉलर को अधिक मूल्यवान माना जा रहा था, लेकिन अब उसकी मजबूती कमजोर पड़ रही है।

Moody’s की हाल की क्रेडिट रेटिंग कटौती ने इस गिरावट को और तेज कर दिया है।

 

मुख्य मुद्दे (Key Issues)

अधिक मूल्यांकन (Overvaluation):

डॉलर अब भी अपने 20-वर्षीय औसत से लगभग 10% अधिक पर है। यह स्थिति अस्थिर मानी जा रही है।

 

पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन (Portfolio Rebalancing):

वैश्विक निवेशक अमेरिकी संपत्तियों से धन निकालकर अन्य जगह निवेश कर रहे हैं।

 

हेजिंग दबाव (Hedging Pressure):

विदेशी निवेशकों द्वारा हेजिंग बढ़ाने से डॉलर में बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है।

 

सुरक्षित मुद्रा की छवि में गिरावट (Loss of Safe-Haven Status):

डॉलर अब पहले जैसी "सुरक्षित मुद्रा" नहीं मानी जा रही, जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है।

 

भारी राजकोषीय घाटा (Massive Fiscal Deficit):

ट्रम्प के कर कटौती बिल से अमेरिका का ऋण अगले दशक में $3–5 ट्रिलियन और बढ़ सकता है।

 

व्यापार और भू-राजनीतिक अनिश्चितता:

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और संरक्षणवाद ने निवेशकों को हतोत्साहित किया है।

 

प्रभाव (Impact)

अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर:

कमजोर डॉलर निर्यात को बढ़ावा देगा लेकिन आयात महंगा हो जाएगा।

विदेशी कर्ज चुकाने में कठिनाई और महंगाई बढ़ सकती है।

 

वैश्विक बाजार पर:

एशियाई देश (जैसे ताइवान, चीन, कोरिया) जिनके पास भारी अमेरिकी संपत्तियाँ हैं, बिकवाली कर सकते हैं।

मुद्रा बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।

 

निवेशकों पर:

अब निवेशक डॉलर में मजबूती आने पर उसे बेचने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।

पोर्टफोलियो विविधीकरण यूरो, येन, और गोल्ड की ओर बढ़ रहा है।

 

विशेषज्ञों की राय (Expert Opinions)

जॉर्ज वेस्सी (Convera):

"मूल्यांकन के अनुसार डॉलर में और गिरावट की संभावना है।"

 

स्टीव इंग्लैंडर (Standard Chartered):

"ट्रेड डील्स से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन दीर्घकालिक समस्याएं जस की तस हैं।"

 

जॉर्ज सरावेलोस (Deutsche Bank):

"बिक्री बढ़ने का कारण है – अमेरिका की उच्च घाटे वाली फिक्स प्रणाली और विदेशी निवेश की घटती रुचि।"

 

स्टीफन जेन (Eurizon SLJ):

"$2.5 ट्रिलियन की एशियाई डॉलर होल्डिंग्स डॉलर पर बड़ा खतरा बन सकती हैं।"

 

जैक मैकइंटायर (Brandywine Global):

"डॉलर में मजबूती आने पर उसे बेचना फिलहाल बेहतर रणनीति है।"

 

भविष्य की दिशा (Future Outlook):

  • यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अप्रत्याशित रूप से बेहतर प्रदर्शन नहीं करती, तो डॉलर में गिरावट और तेज हो सकती है।
  • आगामी वित्तीय नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय घटनाएँ अहम भूमिका निभाएंगी।
  • केंद्रीय बैंक और संस्थागत निवेशक अपनी डॉलर होल्डिंग्स को कम कर सकते हैं।
  • डॉलर की वैश्विक आरक्षित मुद्रा की स्थिति भी खतरे में पड़ सकती है यदि बाजार का भरोसा नहीं लौटा।
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