द हिंदू: 09 नवंबर 2024 को प्रकाशित:
चर्चा में क्यों है?
चंडीगढ़ भारत का पहला केंद्र शासित प्रदेश (UT) या राज्य बन गया है जिसने तीन नए आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) को पूरी तरह लागू कर दिया है। इस उपलब्धि में पुलिस थानों में इंटरनेट स्पीड बढ़ाना, जांच अधिकारियों को नए टैबलेट देना और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं शुरू करना शामिल है, ताकि त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
आपराधिक न्याय सुधार:
नए कानूनों BNS, BSA और BNSS ने पुराने औपनिवेशिक कानूनों की जगह ली है, जिसका उद्देश्य आधुनिकीकरण और डिजिटाइजेशन के माध्यम से न्याय प्रणाली को मजबूत बनाना है।
पुलिस, फॉरेंसिक और न्यायपालिका के बीच समन्वय के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने:
आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन:
1 जुलाई 2023 से नए कानून लागू होने के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने:
1,179 FIR दर्ज कीं।
245 चार्जशीट दाखिल कीं।
नए कानूनों के तहत 4 मामलों में सजा दिलाई।
ज़ीरो FIR:
अब तक 14 ज़ीरो FIR दर्ज की गईं, जो मुख्य रूप से महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित थीं।
ज़ीरो FIR के माध्यम से पीड़ित किसी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध किसी अन्य क्षेत्र में हुआ हो।
तकनीकी उपयोग:
संदिग्धों की पहचान के लिए “चित्र खोजी” नामक फेशियल रिकॉग्निशन सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है।
जांच अधिकारियों को 170 टैबलेट दिए गए हैं ताकि वे साक्ष्य आसानी से एकत्र और रिकॉर्ड कर सकें।
टाइम स्टैम्प के साथ ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग को डिजी लॉकर पर सुरक्षित किया जाता है, जिससे छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं रहती।
सजा दर:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के बाद सजा दर 58% से बढ़कर लगभग 85% हो गई है।
पूरे देश में:
11 लाख FIR दर्ज की गईं।
9,500 मामलों में फैसले सुनाए गए।
चंडीगढ़ ने नए कानूनी ढांचे के तहत अब तक 4 मामलों में सजा सुनिश्चित की है।
न्यायालयों का डिजिटलीकरण:
चंडीगढ़ ने अपनी न्यायपालिका को डिजिटाइज करने के प्रयास तेज कर दिए हैं:
2 अदालतें पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी हैं और 30 अन्य अदालतों के डिजिटाइजेशन की तैयारी जारी है।
न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई से संसाधनों की बचत और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
ऑनलाइन गवाही के लिए:
80 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग स्पॉट अस्पतालों, फॉरेंसिक स्टेशनों और न्यायालयों में स्थापित किए गए हैं।
5 अतिरिक्त स्पॉट उप-मंडल मजिस्ट्रेट (SDM) कार्यालयों में गवाहों के लिए बनाए जा रहे हैं।
उदाहरण: लॉरेंस बिश्नोई जैसे मामलों की गंभीरता को देखते हुए, सभी न्यायालयी कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जा रही है।
निष्कर्ष:
चंडीगढ़ ने नए आपराधिक कानूनों को सफलतापूर्वक लागू कर, डिजिटाइजेशन और आधुनिक तकनीक के माध्यम से पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था में सुधार किया है। यह प्रयास देश के लिए एक आदर्श बन गया है, जिसका उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को पारदर्शी, प्रभावी और त्वरित बनाना है।