ऑटो सेक्टर के दिवालिया होने से वॉल स्ट्रीट के क्रेडिट जोखिमों की नए सिरे से जाँच शुरू हुई:

ऑटो सेक्टर के दिवालिया होने से वॉल स्ट्रीट के क्रेडिट जोखिमों की नए सिरे से जाँच शुरू हुई:

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द हिंदू: 15 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित।

 

खबर में क्यों है?

सितंबर 2025 में दो प्रमुख ऑटोमोबाइल से जुड़ी कंपनियाँ — फर्स्ट ब्रांड्स (First Brands) और ट्रायकलर (Tricolor) — दिवालिया (Bankruptcy) घोषित कर चुकी हैं।

इन दोनों के दिवालिया होने से वॉल स्ट्रीट के बहु-खरब डॉलर के क्रेडिट बाजारों में छिपे जोखिमों को लेकर चिंता बढ़ गई है, और अब निवेशक असुरक्षित ऋणों (Unsecured Debts) तथा जोखिम भरे निवेशों की गहन जांच कर रहे हैं।

 

पृष्ठभूमि:

फर्स्ट ब्रांड्स ग्रुप, ओहायो स्थित एक ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनी है, जिसके पास 10 अरब डॉलर से अधिक की देनदारियाँ (Liabilities) हैं। इसने 29 सितंबर 2025 को दिवालियापन सुरक्षा के लिए आवेदन किया।

ट्रायकलर ऑटो, अमेरिका की एक सब-प्राइम ऑटो ऋण देने वाली और डीलरशिप कंपनी, ने भी 1 अरब डॉलर से अधिक की देनदारियाँ और 25,000 से अधिक लेनदारों के साथ दिवालियापन घोषित किया।

दोनों कंपनियाँ क्रेडिट-आधारित वित्त पोषण, विशेष रूप से Collateralised Loan Obligations (CLOs) और सप्लाई चेन फाइनेंसिंग पर निर्भर थीं।

मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, वॉल स्ट्रीट की CLOs का 0.21% एक्सपोजर फर्स्ट ब्रांड्स से जुड़ा हुआ है।

 

मुख्य मुद्दे:

(a) क्रेडिट मार्केट में जोखिम

कई बड़ी वित्तीय संस्थाएँ जैसे जेफ़रीज (Jefferies), यूबीएस (UBS), साउथस्टेट बैंक और CIT ग्रुप (First Citizens) इस संकट से प्रभावित हैं।

जेफ़रीज की ल्यूकेडिया एसेट मैनेजमेंट (Leucadia Asset Management) का लगभग 715 मिलियन डॉलर का एक्सपोजर है, जबकि यूबीएस को 500 मिलियन डॉलर का जोखिम है।

 

(b) निवेशकों का विश्वास डगमगाया:

निवेशक अब असुरक्षित या जोखिम भरे निवेशों से पहले स्वतंत्र ऑडिट रिपोर्ट और आय की गुणवत्ता (Quality of Earnings Reports) की मांग कर रहे हैं।

 

(c) प्रणालीगत जोखिम की चिंता:

ये दिवालियापन घटनाएँ CLO और लीवरेज्ड लोन बाजारों के भीतर छिपे जोखिमों को उजागर कर रही हैं, हालाँकि विशेषज्ञ मानते हैं कि वैश्विक वित्तीय संकट जैसी स्थिति अभी नहीं बनेगी।

 

वित्तीय प्रभाव:

कुल देनदारियाँ (Liabilities):

फर्स्ट ब्रांड्स → 10 अरब डॉलर से अधिक

ट्रायकलर → 1 अरब डॉलर से अधिक

 

प्रमुख एक्सपोजर (Exposures):

जेफ़रीज → $715 मिलियन

यूबीएस → $500 मिलियन

जेपी मॉर्गन → $200 मिलियन (ट्रायकलर)

अन्य CLO फंड्स जैसे साउंड पॉइंट कैपिटल, बेनिफिट स्ट्रीट पार्टनर्स, पामर स्क्वायर, AGL क्रेडिट, और PGIM — प्रत्येक के पास $100 मिलियन से अधिक का एक्सपोजर है।

 

बाजार की प्रतिक्रिया:

निवेशकों ने ऑटो और उपभोक्ता ऋण क्षेत्रों से अपनी हिस्सेदारी घटाई है।

अक्टूबर की शुरुआत में मजबूत रहे क्रेडिट बाजार की रैली अब रुकावट में पड़ गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी तिमाही (Q3) के परिणाम बैंकों और फंडों के वास्तविक नुकसान और जोखिम की स्थिति को स्पष्ट करेंगे।

बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, अब क्रेडिट निवेशकों में “थोड़ा डर का माहौल” दिखने लगा है।

 

विशेषज्ञों की राय:

एंड्रयू शीट्स (मॉर्गन स्टैनली): तीसरी तिमाही के परिणाम क्रेडिट बाजार के लिए “लिटमस टेस्ट” साबित होंगे।

जैन बुखारी (S&P ग्लोबल): निवेशक अब जोखिम भरे फंड स्ट्रक्चर पर प्रश्न उठाएँगे।

लोगन निकोलसन (ब्लू आउल कैपिटल): समग्र रूप से वित्तीय बाजार की स्थिति इतिहास के सामान्य स्तरों के अनुरूप है, किसी बड़े संकट की संभावना नहीं।

नेहा खोड़ा (बैंक ऑफ अमेरिका): निवेशकों की भावना अब बेहद आशावादी से सतर्क हो गई है।

 

व्यापक प्रभाव:

बैंकों और निवेश फंडों में जोखिम प्रबंधन प्रणाली को सशक्त करने की आवश्यकता बढ़ेगी।

उधार मानकों को सख्त किया जा सकता है और अधिक पारदर्शिता की मांग बढ़ेगी।

ऑटो सेक्टर ऋणों और उपभोक्ता ऋणों का पुनर्मूल्यांकन (Re-rating) संभव है।

यह संकेत देता है कि आसान क्रेडिट का दौर अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है।

 

आगे क्या:

आगामी तीसरी तिमाही (Q3) परिणाम यह बताएंगे कि:

बैंकों और फंडों को वास्तविक नुकसान कितना हुआ।

ऑटो ऋणों में डिफॉल्ट और उपभोक्ता ऋणों में वृद्धि के रुझान कैसे हैं।

नियामक एजेंसियाँ और निवेशक अब CLO संरचनाओं और लीवरेज्ड ऋणों की गहन निगरानी करेंगे।

यदि और कंपनियाँ दिवालिया होती हैं, तो क्रेडिट बाजार की धारणा और कमजोर हो सकती है।

 

सारांश:

  • फर्स्ट ब्रांड्स और ट्रायकलर का दिवालियापन वॉल स्ट्रीट के लिए चेतावनी संकेत है।
  • यह बताता है कि जोखिम भरे और जटिल क्रेडिट निवेश कितने संवेदनशील और परस्पर जुड़े हुए हैं।
  • हालाँकि यह संकट वैश्विक स्तर पर फैलने की संभावना कम है, लेकिन यह इस बात का प्रमाण है कि उच्च मुनाफे की लालच में असुरक्षित निवेशों का दौर जोखिमपूर्ण हो चुका है — बिल्कुल 2008 के वित्तीय संकट से पहले की स्थिति की तरह।
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