बुर्किना फासो में सैन्य शासन

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स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बुर्किना फासो की सेना ने घोषणा की कि उसने राष्ट्रपति रोच काबोरे को अपदस्थ कर संविधान को निलंबित कर दिया है, साथ ही सरकार और राष्ट्रीय सभा को भंग कर दिया है और देश की सीमाओं को बंद कर दिया है।

सेना ने पिछले 18 महीनों में माली और गिनी में सरकारों को गिरा दिया है।

चाड के उत्तरी मैदान में में विद्रोहियों से लड़ते हुए राष्ट्रपति इदरिस डेबी की मृत्यु के बाद पिछले साल (2021) चाड में सेना ने भी पदभार संभाला।

 

प्रमुख बिंदु

बुर्किना फासो:

एक पूर्व फ्राँसीसी उपनिवेश, बुर्किना फासो को वर्ष 1960 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से कई तख्तापलट सहित अस्थिरता का सामना करना पड़ा है।

बुर्किना फासो के नाम का शाब्दिक अर्थ है "ईमानदार पुरुषों की भूमि", इसे क्रांतिकारी सैन्य अधिकारी थॉमस शंकरा द्वारा चुना गया था, जिन्होंने वर्ष 1983 में सत्ता संभाली थी। वर्ष 1987 में उनकी सरकार को गिरा दिया गया और उन्हें मार दिया गया।

वर्ष 2015 से बुर्किना फासो इस्लामी विद्रोह से प्रभावित है यह विद्रोह पड़ोसी देश माली से फैला और इसने इसके महत्त्वपूर्ण पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुँचाया है।

भूमि आबद्ध देश बुर्किना फासो जो सोने का उत्पादक होने के बावजूद पश्चिम अफ्रीका के सबसे गरीब देशों में से एक है, ने वर्ष 1960 में फ्राँस से स्वतंत्रता के बाद से कई तख्तापलट का अनुभव किया है।

इस्लामी उग्रवादियों ने बुर्किना फ़ासो के एक क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त कर लियाहै और कुछ क्षेत्रों के निवासियों को इस्लामी कानून के अपने कठोर संस्करण का पालन करने के लिये मजबूर किया है, जबकि विद्रोह को दबाने के लिये सेना के संघर्ष के चलते दुर्लभ राष्ट्रीय संसाधनों को समाप्त कर दिया है।

काबोरे को हाल के महीनों में उग्रवादियों द्वारा नागरिकों और सैनिकों की हत्याओं पर निराशा के बीच विरोध की लहरों का सामना करना पड़ा था, जिनमें से कुछ का संबंध इस्लामिक स्टेट और अल कायदा से है।

यह असंतोष नवंबर 2021 में बढ़ गया, जब मुख्य रूप से सुरक्षा बलों के 53 सदस्यों को संदिग्ध जिहादियों द्वारा मार डाला गया।

परिचय:

घोषणा में सुरक्षा की स्थिति में गिरावट का हवाला दिया गया और सेना ने पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र को एकजुट करने तथा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने में काबोरे की अक्षमता के रूप में वर्णित किया है।

यह बयान पहले द पैट्रियटिक मूवमेंट फॉर सेफगार्ड एंड रिस्टोरेशन (Patriotic Movement for Safeguard and Restoration) या MPSR (फ्रेंच-भाषा का संक्षिप्त नाम) के नाम पर दिया गया था। MPSR में सेना के सभी वर्ग शामिल हैं।

MPSR ने कहा कि वह देश के विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श के बाद एक उचित समय सीमा के भीतर संवैधानिक व्यवस्था की वापसी के लिये एक कैलेंडर का प्रस्ताव करेगा।

सेना ने बुर्किना फासो की सीमाओं को बंद करने की भी घोषणा की।

वैश्विक प्रतिक्रिया:

अफ्रीकी और पश्चिमी शक्तियों ने "तख्तापलट के इस प्रयास" की निंदा की है साथ ही यूरोपीय संघ ने राष्ट्रपति की "तत्काल" रिहाई की मांग की।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी राष्ट्रपति की रिहाई का आह्वान किया है और सुरक्षा बलों के सदस्यों से बुर्किना फासो के संविधान एवं नागरिक नेतृत्व का सम्मान करने का आग्रह किया।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने बुर्किना फासो में सेना द्वारा सरकार बनाए जाने के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा की है और तख्तापलट का नेतृत्व करने वालों से अपने हथियार डालने का आह्वान किया है।

अफ्रीकी संघ और क्षेत्रीय ब्लॉक, पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय ( Economic Community of West African States-ECOWAS) ने भी सत्ता के जबरदस्ती अधिग्रहण की निंदा की है, ECOWAS ने कहा कि यह सैनिकों को अपदस्थ राष्ट्रपति की सहायता के लिये ज़िम्मेदार ठहराता है।

अफ्रीकी संघ एक महाद्वीपीय निकाय है जिसमें अफ्रीकी महाद्वीप से संबंधित 55 राज्य शामिल हैं।

ECOWAS पंद्रह सदस्य देशों से बना है जो पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र में स्थित हैं।

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